ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र में वायुसेना युद्धाभ्यास के लिए अधिसूचनाएं यानी ‘नोटम’ जारी किए हैं। यह युद्धाभ्यास 20 नवंबर तक चलेगा अभ्यास चीन, बांग्लादेश और भूटान बॉर्डर तक होगा। इससे चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश को भी टेंशन जरूर होगी, क्योंकि भारत राफेल, सुखोई-30 जैसे अपने जंगी जेट्स का जलवा भी दिखाएगा।
‘चिकन नेक’ तक होगा यह अभ्यास
भारत के नवीनतम ‘नोटम’ ने 20 नवंबर तक पूर्वोत्तर में भारतीय वायुसेना के अभ्यास का विस्तार किया है। यह ‘नोटम’ भारत के ‘चिकन नेक’ माने जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर कुछ दिनों के लिए हवाई क्षेत्र आरक्षित करता है। यह कॉरिडोर इस क्षेत्र को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला एक 22 किमी चौड़ा गलियारा है, जो पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में बना हुआ है।
टू-फ्रंट वॉर की तैयारी
डिफेंस एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, भारत तीनों तरफ युद्धाभ्यास कर रहा है। पश्चिमी, पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर पहली बार युद्धाभ्यास एकसाथ करने का मतलब है कि भारत टू-फ्रंट वॉर की तैयारी कर रहा है। ये मल्टी डोमेन वॉर के लिहाज से किया जा रहा है।
दरअसल, 2030 के बाद चीन और पाकिस्तान भारत पर मिलकर हमला कर सकते हैं। इसी साल, 17 मार्च को जनरल उपेंद्र द्विवेदी बता चुके हैं कि टू-फ्रंट वॉर भारत के लिए अनुमान नहीं है, यह रियलिटी है।
चीन कर रहा युद्ध की तैयारी, 3
मोर्चे पर एकसाथ काम
चीन युद्ध की तैयारी अभी से ही कर रहा है। वह तीन काम एकसाथ कर रहा है, जिनके पूरा होने का समय 2030 है। पहला है मेडोक डैम का निर्माण, जो इसी साल जुलाई में शुरू हुआ है, वो 2030 में पूरा होगा। दूसरा- इसी साल अगस्त में तिब्बत-शिनजियांग रेल लाइन शुरू हुई है, जो 2030 में पूरी होंगी। तीसरा-200 युद्धपोत, 15 परमाणु पनडुब्बियों और 2 एयरक्रॉफ्ट कैरियर के लिए एक विशाल यार्ड बना रहा है, जो 2030 में पूरा होगा। ये टाइमलाइन बताती है कि भारत के खिलाफ चीन बड़ी तैयारी कर रहा है। वो चुपचाप इसमें लगा हुआ है।
लेह-अरुणाचल जैसे इलाके सुपर सेंसिटिव
लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, भारत में चीन से सटी जो भी सीमा है, चाहे वो लेह-लद्दाख का इलाका हो या अरुणाचल प्रदेश का इलाका, सभी सुपर सेंसिटिव हैं। भारत इसीलिए इन इलाकों को ध्यान में रखते हुए ये युद्धाभ्यास कर रहा है।































