ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के जमाने में ज्यादातर लोग खाने-पीने को लेकर जागरुक हो गए हैं। किचन में खाई जाने वाली चीजों को लेकर अक्सर डरावने फैक्ट सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से लोग सिंपल रोटी को भी खाने से डरते हैं। फ्राईड फूड और शुगर लोडेड फूड्स खाने से बीमारियां होती हैं लेकिन क्या कभी कभार ब्रेकफास्ट में खाई जाने वाला ब्रेड भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी दे सकता है? इस बारे में रायपुर के कैंसर सर्जन डॉक्टर जयेश शर्मा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है और लोगों के मन में आ रहे इस सवाल का जवाब दिया है कि आखिर क्या ब्रेड खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी घेर सकती है।
डॉक्टर जयेश शर्मा अक्सर सोशल मीडिया पर कैंसर से जुड़ी अफवाहों और चर्चाओं पर बात करते हैं। एक नवीनतम वीडियो पोस्ट में उन्होंने बताया है कि ब्रेड से कैंसर होने का आंशिक खतरा रहता है।
उनके अनुसार ब्रेड में कैंसर पैदा करने वाले दो कारण होते हैं। पहला इसमें एक्रालिमाइड बनता है। डॉक्टर बताते हैं कि एक्रालिमाइड को हाई डोसेज में एनिमल को देने से कैंसर होता है लेकिन ह्यूमन में इससे कैंसर होने का कोई प्रूफ नही है। कैंसर से बचना है तो ब्रेड को अवॉइड करना सही है। हालांकि ब्रेड में एक्रालिमाइड होने की मात्रा इतनी कम होती है कि उससे ह्यूमन को कैंसर होने का कोई प्रूफ नहीं मिला है।
कैंसर पैदा करने वाला एक्रालिमाइड सबसे ज्यादा ब्रेड में नहीं बनता बल्कि ये समोसा, कचौड़ी, फ्रेंच फ्राइज जैसी फ्राइड चीजों में बनता है।
ब्रेड से शुगर स्पाइक
ब्रेड से शुगर स्पाइक होता है। हालांकि मैदे से बने किसी भी फूड को खाया जाए तो ये शुगर स्पाइक करेगा। शुगर स्पाइक के लिए बेक्ड प्रोडक्ट भी जिम्मेदार होते है।
इस तरह खा सकते हैं ब्रेड
डॉक्टर जयेश शर्मा बताते हैं कि अगर हेल्दी ब्रेकफास्ट के पार्ट में अगर आपने ब्रेड को शामिल किया है तो इसे खाया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर ने ब्राउन ब्रेड और व्हाइट ब्रेड में भी अंतर समझाया है। दरअसल, ब्राउन ब्रेड ज्यादातर मार्केट में कलर मिली हुई मिलती है। जिसकी वजह से इसका टेस्ट भी थोड़ा कड़वा सा होता है। ब्राउन ब्रेड और व्हाइट ब्रेड में कोई अंतर नहीं होता है।































