ब्लिट्ज ब्यूरो
टोरंटो। कनाडा में नौकरी और पढ़ाई कर रहे भारतीयों के लिए यहां परमानेंट रेजिडेंसी (पीआर) हासिल करना आसान होने वाला है। कनाडा ने 2026-2028 के लिए इमिग्रेशन लेवल प्लान जारी कर दिया है, जिसमें उन लोगों को पीआर देने में प्राथमिकता दी जाएगी, जो पहले से ही देश में रह रहे हैं। इस प्लान के तहत सरकार का फोकस स्टूडेंट्स, विदेशी स्किल वर्कर्स और अन्य निवासियों को स्थायी रूप से बसाना है, जो पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था और समुदाय में योगदान दे रहे हैं।
इमिग्रेशन मिनिस्टर लीना दियाब ने कहा कि आईआरसीसी कनाडा में पहले से रह रहे और बसे अस्थायी रेजिडेंट को पीआर के लिए प्राथमिकता देगा। प्लान के तहत हाई स्किल वर्कर्स के लिए एक्सप्रेस एंट्री पीआर पाने का प्रमुख रास्ता रहेगी। 2026 में 1,09,000 और 2027 एवं 2028 में 1,11,000 लोगों को एक्सप्रेस एंट्री के तहत पीआर मिलेगा। टोटल पीआर का 64% इकोनॉमिक इमिग्रेशन के लिए आवंटित है, जिसमें कनैडियन एक्सपीरियंस क्लास (सीईसी) जैसे प्रोग्राम भी शामिल हैं, जो वर्क एक्सपीरियंस वाले लोगों के लिए हैं।
भारतीय स्टूडेंट-वर्कर को मिलेगा फायदा
कनाडा का इमिग्रेशन प्लान कनाडा में नौकरी और पढ़ाई कर रहे भारतीयों के लिए वरदान साबित होने वाला है। सबसे पहले भारतीय वर्कर्स की बात कर लेते हैं, जिन्हें एक्सप्रेस एंट्री के तहत परमानेंट रेजिडेंसी मिल सकती है। कनाडा में जॉब कर रहे भारतीय वर्कर्स को यहां वर्क एक्सपीरियंस मिल रहा है। इसके आधार पर वह सीईसी का हिस्सा बन सकते हैं, जिसके तहत उन्हें पीआर दिया जा सकता है। सीईसी के तहत सबसे ज्यादा उन लोगों को पीआर मिलने का चांस है, जो स्किल वर्कर्स हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि प्रोविंशियल नॉमिनी प्रोग्राम (पीएनपी) के तहत भी भारतीय वर्कर्स को पीआर मिल सकता है।































