ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। उत्तर प्रदेश का अयोध्या आज दुनिया के धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर नई पहचान बना रहा है। राम मंदिर निर्माण के बाद पर्यटन में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ शहर तेजी से एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और वैश्विक स्तर का आध्यात्मिक केंद्र बनता जा रहा है। इस बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वह योजना है, जिसे उन्होंने राम मंदिर निर्माण से भी पहले शुरू कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2019 में राम जन्मभूमि को विवादित जमीन का अधिकार देने और मंदिर निर्माण संबंधी आदेश के बाद देश की नरेंद्र मोदी सरकार के स्तर पर इस दिशा में काम किया गया। वहीं, सीएम योगी ने राम मंदिर के साथ इस धार्मिक नगरी को सजाने और संवारने की योजना पर कदम बढ़ाया। इसका प्रभाव दिख रहा है।
मास्टर प्लान 2031 में विश्वस्तरीय शहर
योगी सरकार ने अयोध्या को आधुनिक शहरी सुविधाओं से लैस करने के लिए अयोध्या मास्टर प्लान 2031 तैयार किया है। अयोध्या शहर का मास्टर प्लान 133.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है। शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचा सुधार के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक बजट निर्धारित किया गया है। इसका लक्ष्य अयोध्या को आधुनिक, टिकाऊ और आध्यात्मिक रूप से संपन्न शहर बनाना है। जनवरी से जून 2025 के बीच 24 करोड़ पर्यटक अयोध्या पहुंचे। वर्ष के अंत तक यह संख्या 50 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।
भीड़ बढ़ने के साथ अयोध्या शहर की सड़कें चौड़ी की जा रही हैं। ड्रेनेज सिस्टम को आधुनिक बनाया जा रहा है। वेस्ट मैनेजमेंट में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। पर्यटकों के ठहराव के लिए नए आवास क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। शहर में हरित क्षेत्र तेजी से बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य साफ है कि अयोध्या में आने वाला हर भक्त विश्वस्तरीय अनुभव लेकर जाए।
अयोध्या ग्रीनफील्ड टाउनशिप
अयोध्या ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना के तहत 2180 करोड़ रुपये की लागत से 1407 एकड़ में एक स्मार्ट और पर्यावरण के अनुकूल टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है। वैदिक विस्तार योजना के तहत विकसित इस टाउनशिप का उद्देश्य भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और पर्यटकों की बढ़ती संख्या का संतुलित एवं टिकाऊ प्रबंधन करना है।
महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
हर साल बढ़ती पर्यटकों की संख्या और दुनिया भर से रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए, अयोध्या को एक आधुनिक हवाई अड्डे की आवश्यकता थी। राज्य सरकार ने 1450 करोड़ रुपये की लागत से महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया। 2023 से चालू हुए इस हवाई अड्डे में 6000 वर्ग मीटर का टर्मिनल और बड़े विमानों को संभालने के लिए सुसज्जित एक रनवे है। यह अयोध्या को प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्थलों से जोड़ता है।
अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन
इस रेलवे स्टेशन को एक आधुनिक, तीन मंजिला सुविधा केंद्र के रूप में पुनर्विकसित किया गया है, जिसमें लिफ्ट, एस्केलेटर, एक फ़ूड प्लाज़ा और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह उन्नत स्टेशन अब लाखों पर्यटकों को बेहतर सुविधा और क्षमता प्रदान करता है।
आउटर रिंग रोड का निर्माण
अयोध्या में बढ़ते यातायात की समस्या से निपटने के लिए 3935 करोड़ की अनुमानित लागत से 67.17 किलोमीटर लंबे अभी फोर लेन, भविष्य में सिक्स लेन आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके पूरा होने पर, यह भीड़भाड़ को कम करेगा, शहर के यातायात को सुव्यवस्थित करेगा और लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बस्ती और गोंडा से कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों तक सुगम पहुंच प्रदान करेगा।
राम की पैड़ी का आधुनिकीकरण
आगंतुकों के आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से राम की पैड़ी का उन्नयन किया गया है। पुनर्विकास में 350 मीटर लंबी सीढ़ी, 20,000 लोगों की क्षमता वाली एक भव्य दर्शक दीर्घा और एक छोटा एम्फीथिएटर शामिल है।




























