ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मोबाइल निर्माताओं को भारत के लिए बनने वाले स्मार्टफोन में संचार साथी एप पहले से अपलोड करने के निर्देश के बाद छिड़े विवाद पर सरकार ने अगले ही दिन स्पष्टीकरण दिया है।
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, संचार साथी एप निगरानी नहीं, जनभागीदारी पर आधारित नागरिक सुरक्षा प्लेटफॉर्म है। यह अनिवार्य नहीं है, उपयोगकर्ता जब चाहें, इस एप को अपने मोबाइल फोन से हटा सकते हैं। सिंधिया ने कहा कि इस एप को रखने या नहीं रखने का निर्णय लेने के लिए उपयोगकर्ता पूरी तरह स्वतंत्र हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोबाइल फोन में पहले से सरकारी एप डलवाने के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों की जासूसी करना है। विवाद बढ़ने पर सिंधिया ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा, यह एप ठगी व चोरी से बचाने के लिए है। यदि आप इसे हटाना चाहते हैं, तो हटा सकते हैं। इस एप को सभी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए मोबाइल निर्माताओं को यह निर्देश दिया गया। जो लोग संचार साथी एप नहीं रखना चाहते वे इसे पंजीकृत न करें।
साथी एप से 7.23 लाख फोन वापस मिले, 40.98 लाख फर्जी कनेक्शन बंद
संचार साथी एप लोकतांत्रिक, स्वैच्छिक और ग्राहक केंद्रित है। अभी तक 21.5 करोड़ लोगों ने साथी एप पोर्टल को विजिट किया है और 1.4 करोड़ से अधिक ने एप को डाउनलोड किया है। इसके जरिये 7.23 लाख खोये फोन वापस मिले हैं। 40.96 लाख फर्जी कनेक्शन बंद किए गए हैं। इस एप की मदद से 475 करोड़ रुपये की संपत्ति को आर्थिक नुकसान से बचाया गया है।































