राजेश दुबे
नई दिल्ली। राजस्थान के फलौदी में हुए भीषण सड़क हादसे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क हादसों को रोकने के लिए पूरे भारत के लिए दिशा-निर्देश बनाने पर विचार किया। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ बने अवैध ढाबों को सड़क हादसों कासंभावित कारण बताया और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से ऐसे भोजनालयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए कानूनी नियमों और विनियमों को पेश करने के लिए कहा। मेहता भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से पेश हुए थे।
कोर्ट ने इस बारे में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहा। कोर्ट ने पूछा कि कौन अथॉरिटी इसके लिए जिम्मेदार है और कौन से निकाय प्रावधानों को लागू नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने आदेश दिया, न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता एएनएस नाडकर्णी और सॉलिसिटर जनरल के बीच चर्चा के बाद उनके द्वारा हल किए गए मुद्दों को भी पीठ के सामने पेश किया जाए वयोंकि ये दिशानिर्देश जारी करने में मददगार हो सकते हैं। पीठ ने कहा कि इस बीच पक्षकारों को गूगल इमेज का आदान-प्रदान करने की छूट है, जो असली समस्या को हल करने में मददगार हो सकती हैं। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि कोर्ट मौजूदा प्रावधानों में कमियों को भरने और फलोदी जैसे हादसों को दोबारा होने से रोकना सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश बनाना चाहता है। यह मामला 2 नवंबर को राजस्थान के फलोदी में हुए दर्दनाक सड़क हादसे से जुड़ा है जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 10 महिलाएं और चार बच्चे शामिल थे। दुर्घटना उस समय हुई, जब एक टेम्पो ट्रैवलर सड़क किनारे खड़े एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गया। हादसा फलोदी के मटोड़ा गांव के पास भारत माला परियोजना के तहत बने राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ।
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