लखनऊ। प्रदेश सरकार गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत दूसरे वार्डों में भी दाखिला दिलाने जा रही है। अभी तक वे जिस वार्ड में रहते थे, उसी वार्ड में ही दाखिला दिया जा रहा था। इससे लाखों बच्चों को दूसरे वार्ड के निजी नामी स्कूलों में दाखिला मिलने का रास्ता साफ हो गया है। शैक्षिक सत्र 2026-27 से इसे लागू किया जाएगा।
दूसरे वार्डों के निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी व कक्षा एक में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए विशेष राउंड की काउंसलिंग कराई जाएगी। ऐसे अभिभावक जिनके बच्चे को उन्हीं वार्ड में प्रवेश नहीं मिल पाता है, वे बगल के वार्ड में आवेदन करेंगे और उन्हें दाखिले का मौका दिया जाएगा। प्रदेश भर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में कुल 5.65 लाख सीटें हैं। इस साल 1.38 लाख सीटों पर ही प्रवेश हुआ है। हालांकि, कुल 1.85 लाख सीटें बच्चों को आवंटित हुई थी लेकिन सीटें खाली न होने की वजह से काफी बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाया।
तीन वर्ष से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों को प्री-प्राइमरी व छह और सात साल की उम्र के बच्चों को कक्षा एक में दाखिला दिया जाता है। एक लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार के बच्चे इसके दायरे में आते हैं। आरटीई में निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें इन बच्चों के लिए आरक्षित हैं। उप शिक्षा निदेशक (समग्र शिक्षा) डा. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पारदर्शी ढंग से प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
नवंबर से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म आरटीई पोर्टल पर www.rte25.upsdc. gov.in पर लिए जाने की तैयारी है।
सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के साथ जिलों में तहसील व अन्य सरकारी कार्यालयों में हेल्प डेस्क बनाकर आरटीई के तहत गरीब परिवार के बच्चों के आवेदन फॉर्म भरवाए जाएंगे। पिछले वर्ष कई जिलों में एक हजार से भी कम आवेदन फॉर्म आए थे। इस बार आवेदन की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
आरटीई में प्रवेश की स्थिति
वर्ष फॉर्म आए स्वीकार सीटें आवंटित प्रवेश
2025-26 3.34 लाख 2.52 लाख 1.85 लाख 1.38 लाख
2024-25 3.57 लाख 2.51 लाख 1.65 लाख 1.11 लाख
2023-24 2.76 लाख 2.08 लाख 1.34 लाख 1.05 लाख
2022-23 2.51 लाख 1.94 लाख 1.24 लाख 95 हजार