विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सालों बाद जब पहली मुलाकात हुई तो दोनों के बीच वही पुरानी दोस्ती ज्यों की त्यों नजर आई। उन दोनों में गर्मजोशी, उत्साह, दोस्ती और एक-दूसरे के प्रति सम्मान का वही पुराना भाव दिखा। दोनों नेताओं ने दिल खोलकर बात की। ऐसा प्रतीत हुआ कि अर्से बाद मिल रहे दो पुराने दोस्त, अपनी दोस्ती को और बुलंदियों पर ले जाने की ओर काम करने के लिए तत्पर हैं।
दोनों देशों के संदर्भ में अगर बात करें तो भारत-अमेरिका के बीच अनेक क्षेत्रों में समझौते हुए हैं। पीएम मोदी के लिए जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड एक ‘ट्रंप कार्ड’ साबित हो रहे हैं वहीं ट्रंप ने भी सबसे विवादित मुद्दे टैरिफ को लेकर कहा कि भारत में ये सबसे ज्यादा है। साथ ही ट्रंप यह कहने से भी नहीं चूके कि वह अमेरिका के हित सर्वोपरि रखते हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी भी उनको यह संदेश देने में सफल रहे कि ट्रंप से ही उन्होंने अपने देशहित को सर्वोपरि रखना सीखा है।
इस मुलाकात के दौरान सबसे बड़ी बात यह नजर आई कि दोनों ही नेता अपने-अपने देश के हित के लिए खड़े दिखाई दिए और संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को मिगा का मतलब भी समझाया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका जब साथ काम करते हैं तो मागा+मिगा (MAGA+MIGA) बन जाता है जिसका अर्थ होता है मेगा पार्टनरशिप फॉर प्रॉस्पैरिटी और यही हमारे साझा लक्ष्यों को स्कोप और स्केल देता है। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जो कुछ खास बातें निकल कर सामने आईं ंउन्हें ऐसे समझा जा सकता है।
दो महाशक्तियों का मिलन, ट्रंप को भारत आने का न्योता
अपने शानदार स्वागत और सत्कार के लिए पीएम मोदी ने ट्रंप का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप के फिर आने से भारत और अमेरिका के संबंध और जीवंत हुए हैं। अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) से परिचित हैं। भारत के लोग भी विरासत और विकास की पटरी पर विकसित भारत 2047 की तरफ अग्रसर हैं। विकसित भारत का मतलब मेक इंडिया ग्रेट अगेन ( मिगा ) है।
आपसी व्यापार पर
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुने से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। दोनों देशों की टीमें एक पारस्परिक लाभकारी ट्रेड एग्रिमेंट को जल्द संपन्न करने पर काम करेंगी। ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में तेल और गैस ट्रेड को बल दिया जाएगा। ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश भी बढ़ेगा। न्यूक्लियर एनर्जी क्षेत्र में स्मॉल मॉड्यूलर के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा।
डिफेंस के मोर्चे पर
डिफेंस की तैयारी में अमेरिका का अहम रोल है। जॉइंट डिवेलपमेंट और जॉइंट प्रॉडक्शन तथा ट्रांसफर और टेक्नॉलजी की दिशा में सक्रिय रूप से दोनों देश आगे बढ़ेंगे। आने वाले समय में नई टेक्नॉलॉजी और इक्विपमेंट, दोनों देशों की क्षमता बढ़ाएंगे।ऑटोनोमस सिस्टम्स इंडस्ट्री अलायंस लॉन्च करने करने का फैसला भी लिया गया। अगले दशक के लिए डिफेंस कॉपरेशन फ्रेमवर्क बनाया जाएगा और डिफेंस रिपेयर और मेंटेनेस भी इसके मुख्य भाग हैं।
21वीं सदी के लिए क्या करेंगे दोनों देश
दोनों देशों का माना है कि टेक्नॉलॉजी क्षेत्र में करीबी सहयोग पूरी मानवता को नई शक्ति देगा। भारत और अमेरिका एआई, सेमीकंडक्टर, बॉयोटेक्नॉलजी, क्वांटम में मिलकर काम करेंगे। ट्रांसफॉर्मिंग रिलेशनशिप यूटिलाइजिंग स्ट्रैजिक टेक्नॉलजी (टीआरयूएसटी ‘TRUST’) पर भी सहमति बनी है। इसके तहत क्रिटिकिल मिनिरल, एडवांस्ड मैटीरियल और फॉर्मास्युटिकल की मजबूत सप्लाई चेन बनेगी। लीथियम और रेयर अर्थ जैसे स्ट्रैटेजिक मिनरल के लिए रिकवरी और प्रोसेसिंग इनिशिएटिव पर भी काम होगा।
स्पेस के क्षेत्र में
इसरो और नासा के सहयोग से बना निसार सैटलाइट जल्द ही भारतीय लॉन्च व्हीकल से अंतरिक्ष में उड़ान भरेगा।
अन्य कुछ खास बातें
भारत और अमेरिका की साझेदारी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों तथा व्यवस्थाओं को सशक्त बनाती है। इंडो पैसिफिक शांति और स्थिरता तथा समृद्धि को बढ़ाने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे। क्वाड की विशेष भूमिका रहेगी। क्वॉड समिट में पार्टनर देशों और नए देशों के साथ सहयोग बढ़ाएंगे। आईमेक और आई2यू2 के तहत इकॉनमिक कॉरिडोर और कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जाएगा।
आतंकवाद : आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और अमेरिका दृढ़ता से साथ खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। सीमा पार आतंकवाद के उन्मूलन के लिए ठोस कार्रवाई करेंगे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति आभार जताते हुए कहा कि 2008 में जिसने भारत में नरसंहार किया था, उस मुजरिम को भारत के हवाले करने का निर्णय किया गया है।
नए काउंसलेट खोले जाएंगे : पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिका में रहने वाला भारतीय समुदाय हमारे संबंधों की महत्वपूर्ण कड़ी है। पीपल कनेक्ट बढ़ाने के लिए जल्द ही लॉस एंजिलिस और बोस्टन में नए काउंसलेट खोले जाएंगे। अमेरिका की यूनिवर्सिटी और शिक्षा संस्थानों को ऑफशोर कैंपस खोलने के लिए न्योता भी दिया गया। मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि आपकी मित्रता और भारत के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता के वास्ते हम आभार जताते हैं। भारत के लोग 2020 की आपकी यात्रा को आज भी याद करते हैं और उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप एक बार फिर उनके पास आएंगे। मैं भारत आने के लिए आपको आमंत्रित करता हू्ं।