दीपक द्विवेदी
इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले दशक में मोदी सरकार ने ऐसे भारत के भविष्य की नींव रखी है जहां के नागरिक केवल प्रतिभागी ही नहीं हैं- वे नेता, नवप्रवर्तक, संरक्षक व ऐसे उद्यमी हैं जो देश को 2047 तक नया भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में जी-जान से जुटे हैं।
वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नेतृत्व की कमान संभाली थी, तब देश एक ऐसे मोड़ पर खड़ा हुआ था जहां विकास की चाहत तो थी, पर उसके पूरा होने की कोई स्पष्ट दिशा-दशा नहीं थी। बीते 11 वर्षों के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस दिशा और तेज रफ्तार से अपने विकास की यात्रा पर कदम बढ़ाए हैं; उसने आज ‘नए भारत’ को पूरी दुनिया के सामने रखा है। यह नया भारत स्वयं अपने फैसले लेना जानता है और आज अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो चुका है। यह एक ऐसा भारत है जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है। आज तमाम वैश्विक मंचों पर नए भारत को ध्यान से सुना जाता है। वह साफ तौर पर अपनी बात रखने वाला राष्ट्र बन चुका है। यही नहीं; आज वह ग्लोबल साउथ की भी आवाज बन चुका है।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इन 11 सालों में जो कुछ काम किया और उससे जो बदलाव देखने को मिले, उन्हें नकारा नहीं जा सकता। निश्चित रूप से इनसे अनेक क्षेत्रों में आया बदलाव स्पष्ट दिखता है जिनमें देश की अर्थव्यवस्था, जो विश्व में अब चौथे नंबर पर है, रक्षा, उद्योग, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य अनेक क्षेत्र शामिल हैं। यही नहीं, देश में गरीबों के जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है। भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
यही नहीं, स्वतंत्रता के छह दशकों के बाद भी विशाल संख्या में भारतवासी घर, शौचालय, स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सेवा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे। इस दिशा में पहल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना व स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों गरीब परिवारों को पक्के घर और शौचालय बनाकर दिए गए। उज्ज्वला योजना के माध्यम से निःशुल्क गैस कनेक्शन देकर 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाई गई जबकि आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजना ने गरीबों को पांच लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा देकर उन्हें आर्थिक आपदा से बचाया। हर घर जल अभियान के माध्यम से करोड़ों ग्रामीण परिवारों को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के इस कार्यकाल में जो योजनाएं बनीं; उन्हें धरातल पर भी उतारा गया। उन्होंने आम जनजीवन को बदला। जन-धन योजना के जरिये स्वतंत्रता के बाद पहली बार करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया। बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी भारत ने ऐतिहासिक प्रगति हासिल की है। जिन गांवों में कभी बिजली और पक्क ी सड़कें एक सपना हुआ करती थीं, वहां अब सोलर लाइटें जलती हैं। दूर-दराज के गांव राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़े गए। स्मार्ट सिटी मिशन और मेट्रो परियोजनाओं ने शहरी जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया। भारत की इस विकास यात्रा में देश का डिजिटलीकरण भी बहुत तेजी और क्रांतिकारी ढंग से हुआ। डिजिटल इंडिया अभियान ने देश को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया और यूपीआई ने तो भारत को दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल लेन-देन करने वाला देश बना दिया। आधार, मोबाइल और जन-धन की ‘त्रिमूर्ति’ ने ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ को सहज बनाते हुए भ्रष्टाचार व बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त ही कर दी। इसी तरह, महिला सशक्तिकरण मोदी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में रहा। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से लेकर मातृत्व अवकाश में वृद्धि और सुकन्या समृद्धि योजना जैसे कार्यक्रमों ने महिलाओं और बेटियों को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त किया है। एनडीए और भारतीय सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन जैसी पहल ने साबित किया है कि सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि नीति और नीयत, दोनों का अभिन्न हिस्सा है।
रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता का डंका तो अभी हाल ही के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बजते सभी ने देखा और विश्व ने भी इसका लोहा माना। आतंकवाद के लिए भी पीएम मोदी ने एक नया नॉर्मल सेट कर दुनिया को बता दया कि भारत अब आतंकवाद को नहीं सहेगा। छह जून, 2025 का दिन भी देश और जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन के रूप में दर्ज हुआ जब पहलगाम पर हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के अपने पहले दौरे में सुरक्षा व एकजुटता का संदेश देने के साथ 46 हजार करोड़ रुपये की ऐतिहासिक परियोजनाओं का उद्घाटन कर दुनिया को दिखा दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। यहां पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का चिनाब नदी पर निर्माण करा कर और उद्घाटन कर यह संदेश भी दिया कि कश्मीर को शेष भारत से तो यह पुल जोड़ेगा ही, यहां की अर्थव्यवस्था को भी नया आकार देगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले दशक में मोदी सरकार ने ऐसे भारत के भविष्य की नींव रखी है जहां के नागरिक केवल प्रतिभागी ही नहीं हैं- वे नेता, नवप्रवर्तक, संरक्षक व ऐसे उद्यमी हैं जो देश को 2047 तक नया भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में जी-जान से जुटे हैं।