ब्लिट्ज ब्यूरो
महाकुंभ नगर। महाकुंभ में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए है जिसके तहत 100 मीटर पानी के नीचे और जमीन से 120 मीटर ऊपर निगरानी करने में सक्षम ड्रोन की तैनाती की जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक, इस भव्य आयोजन में 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के शामिल होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ के दौरान पहली बार संगम क्षेत्र में पानी के नीचे ड्रोन तैनात किए जाएंगे और ‘टेथर्ड ड्रोन’ हवाई क्षेत्र से रक्षा करेंगे। इस साल अयोध्या में राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान जिस ड्रोन रोधी प्रणाली को पहली बार तैनात किया गया था, उसका इस्तेमाल महाकुंभ के दौरान भी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि संगम स्नान के दौरान हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है। पानी के नीचे नजर रखने वाले ये ड्रोन 24 घंटे निगरानी करेंगे और ये कम रोशनी में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकते है। 100 मीटर की गहराई पर काम करने की क्षमता वाले ये ड्रोन किसी भी परिस्थिति में सटीक जानकारी देने में सक्षम है। पुलिस महानिरीक्षक राजीव नारायण मिश्रा ने उच्च गति वाले एवं पानी के नीचे तैनात किए जाने ड्रोन को हाल में लॉन्च किया। उन्होंने कहा, ‘यह अत्याधुनिक ड्रोन 100 मीटर तकगोता लगा सकता है और आईसीसीसी को तुरंत रिपोर्ट भेज सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘इसे असीमित दूरी से संचालित किया जा सकता है और यह जल के नीचे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिससे तत्काल कार्रवाई की जा सकती है।’ इसके अलावा, पानी पर नजर रखने के लिए पीएसी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों के साथ 700 से अधिक नौकाएं भी तैनाती के लिए तैयार रहेंगी। सरकार ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए रिमोट-नियंत्रित ‘लाइफबोट’ की बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है।