ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद 119 एप को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इनमें से 15 एप तत्काल बंद भी हो गए हैं। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल द्वारा ल्यूमेन डाटाबेस में अपडेट की गई सूचना से ये खुलासा हुआ है।
ल्यूमेन डाटाबेस अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की साइट है जो दुनियाभर की सरकारों और संगठनों द्वारा एप या कंटेंट हटाने के लिए आने वाले आवेदनों पर नजर रखती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वीडियो और वॉइस चैट से जुड़े जिन एप को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया है उनमें से अधिकतर चीन व हांगकांग में निर्मित हैं। केंद्र सरकार ने इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया है। जिन एप को ब्लॉक करने का आदेश हुआ है उसमें से कुछ सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के भी हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसके लिए आदेश जारी किया है।
टिकटॉक समेत कई अन्य एप को बंद कराया था
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि भारत ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 69ए के तहत ये कार्रवाई की है। इसके तहत केंद्र के पास शक्ति है कि वे देश हित, जनहित, सुरक्षा, संप्रभुता के आधार पर ऑनलाइन कटेंट या मोबाइल एप को ब्लॉक करा सकती है। इससे पहले इस धारा के जरिए चीन के कई एप को भारत ने बंद कराया है। इसमें टिकटॉक समेत अन्य एप शामिल थे।
केंद्र सरकार से बात करेंगे एप निर्माता
गूगल प्ले स्टोर पर ब्लॉक होने के बाद एप निर्माताओं ने कहा है कि वे इस संबंध में गूगल से बात करेंगे। मामले का हल निकालने के लिए वे भारत सरकार से भी बात करने की कोशिश करेंगे। एप ब्लॉक करने के मामले पर संबंधित मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि धारा 69ए के तहत होने वाली कार्रवाई गोपनीय होती है। सरकार ने फैसला देश हित में लिया है।
चीन के ‘चैंग’ पर भी रोक लगाई गई
सिंगापुर के एप चिलीचैट के प्रवक्ता ने कहा है कि उसका एप भारत में बंद कर दिया गया है। इसकी सूचना गूगल ने कंपनी को दी है। ऑस्ट्रेलिया के एप हनीकैम ने कहा है कि वह भारत सरकार से बात करेगी। सरकार के वह अनुसार एप में सुधार को तैयार है। चीन के ‘चैंग’ एप को भी बंद किया गया है। भारत सरकार ने 2020 में भी 59 से अधिक चीनी एप पर शिकंजा कसा था। गूगल ने एप को ब्लॉक करने से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की है।