संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। दुनियाभर में अगले पांच साल में यानी 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी। कृषि श्रमिकों और वाहन चलाने वाले ड्राइवरों की मांग तेजी से बढ़ेगी। ये दोनों क्षेत्र तेजी से बढ़ती नौकरियों में शामिल होंगे। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने ‘भविष्य की नौकरी रिपोर्ट-2025’ में कहा, नई-नई प्रौद्योगिकी आने के साथ 2030 तक नौकरियों में व्यापक स्तर पर बदलाव आने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तकनीकी प्रगति के अलावा जनसंख्या संबंधी बदलाव, कई देशों में तनाव और आर्थिक दबाव के कारण दुनियाभर में उद्योग एवं पेशा नया आकार ले रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बिग डाटा और साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी कौशल की मांग तेजी से बढ़ेगी लेकिन, रचनात्मक सोच, मजबूती और लचीलापन जैसे मानव कौशल महत्वपूर्ण बने रहेंगे। तेजी से बदलते नौकरी बाजार में प्रौद्योगिकी और मानव कौशल दोनों का संयोजन महत्वपूर्ण होगा।
इन क्षेत्रों में सबसे तेजी से बढ़ेंगी नौकरियां
सबसे तेजी से बढ़ती नौकरियों की सूची में कृषि श्रमिक और मजदूर सबसे ऊपर होंगे। इसके बाद हल्के ट्रक या डिलिवरी से जुड़े चालक, सॉफ्टवेयर-एप्लिकेशन डेवलपर, दुकानों में काम करने वाले सेल्सपर्सन होंगे।
खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित कारोबार से जुड़े कामगार, कार, वैन व मोटरसाइकिल चालक, नर्सिंग पेशेवर, खाद्य व पेय सेवा कर्मचारी, सामान्य व संचालन प्रबंधक के क्षेत्र में नौकरियां मिलेंगी।
सामाजिक कार्य एव परामर्श पेशेवर, परियोजना प्रबंधक, विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा के लिए शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और व्यक्तिगत देखभाल सहायक जैसी नौकरियां भी बढ़ेंगी।
59% पेशेवरों को सीखना होगा नया कौशल
स्विट्जरलैंड के दावोस में 20 से 25 जनवरी को होने वाले विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से कुछ दिन पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है, कौशल अंतर आज भी व्यवसाय में बदलाव को लेकर सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। नौकरी के लिए जरूरी लगभग 40 फीसदी कौशल में बदलाव होना तय है। 63 फीसदी कंपनियों का कहना है कि सही कौशल वाले कर्मचारियों को ढूंढ़ना मुश्किल हो रहा है। दुनियाभर के हर 100 कर्मचारियों में से 59 को 2030 तक नए कौशल सीखने की जरूरत होगी। इनमें भी 11 फीसदी को यह प्रशिक्षण मिलने की संभावना नहीं है। करीब 12 करोड़ से अधिक लोगों की नौकरी पर संकट बना हुआ है।
इन भूमिकाओं पर सबसे ज्यादा संकट
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे तेजी से घटती नौकरियों की सूची में कैशियर और टिकट क्लर्क सबसे ऊपर हैं। प्रशासनिक सहायक/प्रबंधक और कार्यकारी सचिव जैसी नौकरियों में भी तेजी से गिरावट आएगी। इमारतों की देखभाल करने वाले, सफाईकर्मी, सामग्री का रिकॉर्ड व स्टॉक की देखरेख से जुड़े क्लर्क, मुद्रण और संबंधित क्षेत्र में काम करने वालों की नौकरी पर भी संकट है।
लेखांकन, बही-खाता, पेरोल क्लर्क, अकाउंटेंट, ऑडिटर, व्यावसायिक सेवा, परीक्षकों और जांचकर्ताओं की नौकरी पर भी संकट होगा।
परिवहन परिचारक, कंडक्टर, सुरक्षा गार्ड, बैंक लिपिक, डाटा एंट्री क्लर्क, ग्राहक सेवा कार्यकर्ता, ग्राफिक डिजाइनर को भी नौकरियों के लिए मशक्क त करनी पड़ेगी।
नई तकनीक नहीं सीखी तो जाएंगी 9.2 करोड़ नौकरियां
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2030 तक 17 करोड़ रोजगार पैदा होने के साथ 9.2 करोड़ नौकरियां खोनी पड़ सकती है। इस तरह, शुद्ध रूप में 7.8 करोड़ नौकरियां ही सृजित होंगी। विश्व आर्थिक मंच के नौकरी सृजन प्रमुख टिल लियोपोल्ड का कहना है कि एआई और तेजी से हो रहे तकनीकी बदलावों के कारण श्रम बाजारों में परिवर्तन देखा जा रहा है। एक ओर हैरान करने वाले अवसर पैदा हो रहे हैं, तो दूसरी ओर नौकरियों पर गंभीर संकट है। ऐसे में नई तकनीक और कौशल सीखने का वक्त है, जिसकी मदद से नौकरियों की तलाश में युवा इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं।