ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की धरती पर ही भारत ने एक बार फिर झंडे गाड़ दिए हैं। भारत के प्राइवेट स्पेस सेक्टर ने एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। बेंगलुरु की पिक्सल और हैदराबाद की ध्रुव स्पेस ने अमेरिका में एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अपने-अपने सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लॉन्च किए। यह लॉन्च कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से किए हुआ। यह भारत की तकनीकी ताकत के साथ-साथ निजी कंपनियों की बढ़ती काबिलियत की झलक भी दिखाता है। खास बात यह है कि दोनों कंपनियों ने यह उपलब्धि उस समय हासिल की जब अंतरराष्ट्रीय लॉन्च पर टैरिफ बढ़ने से ठीक पहले खिड़की बंद होने वाली थी।
पिक्सल ने अपने तीन नए फायरफ्लाई सैटेलाइट्स लॉन्च किए। इसके साथ कंपनी के पास अब कुल छह फायरफ्लाई सक्रिय हो गए हैं। यह किसी भारतीय निजी कंपनी का सबसे बड़ा अर्थ-इमेजिंग सैटेलाइट समूह है। हर फायरफ्लाई में हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर लगे हैं जो 135 से ज्यादा स्पेक्ट्रल बैंड्स में पांच मीटर रिज़ॉल्यूशन की तस्वीरें खींच सकते हैं । खेती में फसल की हालत हो या प्रदूषण और गैस लीक, फायरफ्लाई अब ऐसी बारीकियां पकड़ने में सक्षम हैं जो अब तक अदृश्य थीं। पिक्सल के सीईओ अवाइस अहमद ने कहा, “अब हमारी तस्वीरें सिर्फ झलक नहीं बल्कि धरती का निरंतर रिकॉर्ड बनेंगी। यह धरती को एक जीवित प्रयोगशाला बना देंगे।” फायरफ्लाई रोजाना धरती के हर हिस्से का डेटा भेजने में सक्षम हैं और आगे हनीबी नामक अगली पीढ़ी के सैटेलाइट्स इस क्षमता को और बढ़ाएंगे।
ध्रूव स्पेस
उधर ध्रुव स्पेस ने लीप-1 सैटेलाइट को लॉन्च कर अपने व्यावसायिक सफर का अगला अध्याय खोला। यह एक होस्टेड पेलोड मिशन है। सरल शब्दों में कहे तो अब कंपनी अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर उपकरण ले जाने की सुविधा दे सकती है। सीईओ संजय नेक्क ांटी के मुताबिक, “यह मिशन भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी का प्रतीक है और वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में नए अवसर पैदा करेगा।”
निजी स्पेस सेक्टर में भारत का दम
दो भारतीय स्टार्टअप्स का एक ही रॉकेट से अंतरिक्ष में उड़ान भरना न केवल उनकी तकनीकी तैयारी बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को भी मजबूत करता है। पिक्सल जहां मेड इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड की कहानी गढ़ रहा है, वहीं ध्रुव स्पेस ग्राहकों के लिए भरोसेमंद पेलोड होस्टिंग प्लेटफॉर्म बनकर उभर रहा है। इस लॉन्च से भारत अब सिर्फ रॉकेट प्रक्षेपण का डेस्टिनेशन नहीं रहा बल्कि वह अंतरिक्ष समाधान बनाने वाला वैश्विक खिलाड़ी बन चुका है।