ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2027 तक 40 लाख महिलाओं के लिए कामकाज के अवसर पैदा होंगे। फिक्क ीके अध्यक्ष अनीश शाह ने बताया कि तीन साल में कार्यबल में इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। महिलाओं की समान भागीदारी से वैश्विक जीडीपी में 28 अरब डॉलर जोड़े जा सकते हैं। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ यानी फिक्क ी के अध्यक्ष शाह ने वार्षिक सम्मेलन में कॉरपोरेट सेक्टर से कार्यस्थल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की अप्रैल की। आंकड़ों के मुताबिक, करिअर की शुरुआत में महिलाओं की हिस्सेदारी 33 फीसदी है। जैसे-जैसे पद ऊंचे होते जाते हैं, महिलाओं की संख्या कम होती है।
सिर्फ 24% महिला मैनेजर
सिर्फ 24% महिलाएं मैनेजर बन पाती हैं। सबसे ऊंचे पदों पर महिलाओं को हिस्सेदारी सिर्फ 17 फीसदी रह जाती हैं। पुरुषों के प्रबंधकीय भूमिकाओं में आगे बढ़ने की संभावना दोगुनी से अधिक है। महिलाओं के पद छोड़ने की संभावना पुरुषों से 1.3 गुना ज्यादा हैं। कंपनियों में उच्च स्तर के नेतृत्व में महिलाओं के नौकरी छोड़ने की कम भागीदारी वैश्विक समस्या है।
रिपोर्ट के अनुसार, औपचारिक नौकरियों में महिलाओं की कम भागीदारी एक वैश्विक समस्या है। हालांकि, समाधान हर देश और कार्यस्थल की अलग स्थिति को ध्यान में रखकर होने चाहिए।
भारतीय महिलाओं की खास चुनौतियां
भारतीय महिलाओं की खास चुनौतियों को समझ कर और संस्था की वर्तमान स्थिति का आकलन कर यह फासला कम किया जा सकता है। इससे संस्थाएं प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल कर सकती हैं।
जीडीपी में 9 फीसदी बढ़ोतरी संभव
विश्व बैंक के अनुसार, हालांकि देश में दस में से सिर्फ 6 महिलाएं औपचारिक तौर से काम करती हैं, पर भागीदारी बढ़ाने से भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है।
शीर्ष प्रबंधन में महिलाएं 20% से भी कम
कार्यस्थल में महिला विषयक रिपोर्ट में भारत के औपचारिक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी में कमी की तरफ ध्यान दिलाया गया। इसमें 325 कंपनियों का अध्ययन किया गया था।
इस अध्ययन में भारत, केन्या और नाइजीरिया में 13 लाख से अधिक कर्मचारियों का सर्वेक्षण किया गया। इसमें खुलासा हुआ कि भारत में महिलाओं का शीर्ष प्रबंधन स्तर का प्रतिनिधित्व 20% से भी कम है
नवाचार और अनुसंधान बढ़ाएं : गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने समारोह में कहा, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के तहत आवंटित एक लाख करोड़ रुपये का उपयोग उद्योगों को नवाचार को बढ़ावा देने और अनुसंधान आधारित इकोसिस्टम के लिए करना चाहिए। युवाओं को नए विचार विकसित करने की मानसिकता के लिए तैयार किया जाना चाहिए। राष्ट्र ने दुनिया का विश्वास अर्जित किया है।