ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। देश में 2028 तक रोजगार करने वालों की संख्या बढ़कर 45.72 करोड़ हो जाएगी। 2023 में यह संख्या 42.37 करोड़ थी। ‘सर्विस नाउ’ की रिपोर्ट के अनुसार, उभरती हुई तकनीक भारत के प्रमुख विकास क्षेत्रों में प्रतिभा को बदल देगी। इससे 2028 तक टेक्नोलॉजी क्षेत्र में 27.3 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नोलॉजी के बाद बाद विनिर्माण क्षेत्र में 15 लाख, शिक्षा में 84,000 और स्वास्थ्य सेवा में 80,000 नौकरियां पैदा होंगी।
ये नौकरियां अपेक्षित आर्थिक विकास और तकनीकी परिवर्तन से प्रेरित हैं। मांग में यह उछाल खुदरा पेशेवरों को सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट और डाटा इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में कौशल बढ़ाने का मूल्यवान अवसर प्रदान करता है।
एआई रोजगार सृजन के लिए उत्प्रेरक
‘सर्विस नाउ’ के एमडी सुमीत माथुर ने कहा, एआई भारत के विकास इंजनों में रोजगार सृजन के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक होगा, विशेष रूप से उन्नत तकनीकी कौशल की जरूरत वाली भूमिकाओं में। यह रणनीतिक जोर न केवल पेशेवरों के लिए अधिक उच्च मूल्य के अवसर पैदा करेगा बल्कि उन्हें स्थायी डिजिटल करियर बनाने के लिए भी मजबूत बनाएगा।