ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की किस्मत चमकाने वाली खबर आई है। यहां जमीन के नीचे कच्चे तेल का बड़ा भंडार होने के संकेत मिले हैं जिसके बाद अल्फाजियो (इंडिया) कंपनी ने खोज शुरू कर दी है। फिलहाल कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी उघैती क्षेत्र के गांव टिटौली में डेरा डाले हुए हैं। इससे पहले दातागंज तहसील और अन्य इलाकों में भी कच्चे तेल की खोज की जा चुकी है।
अल्फाजियो (इंडिया) कंपनी के अधिकारी कई महीनों से जिले में कच्चे तेल की खोज कर रहे हैं। कंपनी जिले के अलग-अलग स्थानों पर बोरिंग और वैज्ञानिक तरीकों से कच्चे तेल की खोज कर रही हैं। कुछ जगहों पर डीजल-पेट्रोल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं जिसके बाद काम में तेजी लाई गई है। जिन स्थानों पर तेल होने के संकेत मिले हैं वहां तिपाई लगाकर बोरिंग की जा रही है और बोरिंग के बाद जीपीएस सैटेलाइट सिस्टम लगाया जा रहा है। बोरिंग के बाद शूटर मशीन से जमीन के अंदर ब्लास्ट किया जाता है। इसके बाद जीपीएस सिस्टम के जरिए तेल भंडार का पता लगाया जाएगा. कंपनी के अधिकारी ने बताया कि कच्चे तेल की तलाश में परीक्षण कार्य जारी है और कुछ स्थानों पर तेल मिलने के संकेत भी मिले हैं। इसकी रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेज दी गई है।
भूगर्भ वैज्ञानिकों को भेजी जाएगी रिपोर्ट
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण कार्य की शुरुआत से पहले सर्वे कराकर पूरा प्लान तैयार किया गया। इसके बाद सांइटीफिक तरीके से तेल की खोज की जा रही है। खोज कार्य पूर्ण होने के बाद रिपोर्ट भूगर्भ वैज्ञानिकों को भेज दी जाएगी। वैज्ञानिक पुष्टि कर के बताएंगे कि जमीन के नीचे कहां-कहां तेल हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिन स्थानों पर कच्चा तेल मिलेगा, उस जगह से पाइपलाइन के माध्यम से उसे नजदीकी रिफाइनरी तक पहुंचाया जाएगा। वहां कच्चे तेल से पेट्रोल, डीजल बनाकर सप्लाई किया जाएगा।
किसानों की बल्ले-बल्ले
अफसरों के मुताबिक कच्चे तेल की खोज में बोरिंग के दौरान किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है। इसके बदले में कंपनी की ओर से किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए रसीद दी जा रही है। इसमें किसान का नाम, गांव, बैंक डिटेल, लाइन नंबर और कुल प्रभावित क्षेत्र का ब्यौरा लिखा जाता है। बाद में किसान के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि पहुंच जाएगी। अगर किसी किसान के खेत में कच्चा तेल निकलता है तो उसके बदले में किसान को रकम मिलेगी। इसके बाद ही वहां से कच्चा तेल निकालकर रिफाइनरी तक पहुंचाया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान भूमि की उपज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। खेती जैसे अभी हो रही है, वैसे ही बाद में भी होती रहेगी।
– दौड़े-दौड़े पहुंचे अफसर, महीनों से चल रही थी खुदाई
– बदायूं में कच्चे तेल की खोज हुई शुरू
– किसानों को मुआवजा मिलेगा