ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश के दो सबसे बड़े कारोबारी समूह अडाणी और अंबानी पूर्वोत्तर राज्य असम को निवेश का बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं। दोनों ही समूहों के मुखिया गौतम अडाणी और मुकेश अंबानी ने प्रदेश में 50-50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का एलान किया।
गौतम अडाणी ने यह घोषणा गुवाहाटी में आयोजित ‘एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन’ के उद्घाटन समारोह में की। उन्होंने कहा कि उनका समूह असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को रफ्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे निवेश जारी रहेंगे।
हम असम की प्रगति का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक
अडाणी ने अपने संबोधन में कहा, “हम असम की प्रगति की कहानी का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं। हम असम में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह निवेश हवाई अड्डों, एयरोसिटी, शहरी गैस वितरण नेटवर्क, बिजली ट्रांसमिशन, सीमेंट और सड़क निर्माण जैसे अहम क्षेत्रों में किया जाएगा। अडाणी के अनुसार, “असम इस समय विकास को गति देने की स्थिति में है और हम इसी प्रतिबद्धता व दूरदृष्टि के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” उधर, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने भी घोषणा की है कि उनकी कंपनी आने वाले पांच वर्षों में असम में पांच प्रमुख क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे राज्य में रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ आधारभूत संरचना के विकास को भी बल मिलेगा।
‘एडवांटेज असम’ व्यापार शिखर सम्मेलन में अंबानी ने कहा कि इस धनराशि का निवेश असम को प्रौद्योगिकी और एआई के लिए तैयार करने में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 2018 के निवेश शिखर सम्मेलन में मैंने 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी। तब से निवेश 12,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। यह राशि चौगुनी हो जाएगी और हम अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में यह राशि निवेश की जाएगी उनमें हरित और परमाणु ऊर्जा, खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों की आपूर्ति शृंखला और रिलायंस के खुदरा स्टोरों का विस्तार शामिल है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन बड़े निवेशों से असम को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक स्तर पर मजबूत होने का सुनहरा अवसर मिलेगा। साथ ही, पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को भी निवेश के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है। राज्य सरकार ने इन घोषणाओं का स्वागत किया है और आशा जताई है कि इससे असम को एक नए औद्योगिक केंद्र के रूप में पहचान मिलेगी।