ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू में 12वां आईईईई उत्तर प्रदेश सेक्शन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। इसमें एआई इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग रिसर्च और ट्रांसलेशनल रिसर्च बढ़ाने के लिए 10 से ज्यादा उद्योगों के साथ सहयोग और समझौते पर सहमति बनी। आईआईटी के वैज्ञानिक और आंत्रप्रेन्योर मिलकर इलेक्टि्रकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में उभरती चुनौतियों का समाधान करेंगे।
तीन दिवसीय सम्मेलन में देश–विदेश से प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, उद्योग जगत के नेता, नीति-निर्माता, शोधकर्ता और युवा पेशेवर शामिल हुए। एडवांस इलेक्ट्रिक एंड एनर्जी सिस्टम, पाॅवर इलेक्ट्रॉनिक्स, नियंत्रण और ऑटोमेशन, एआई, सिग्नल प्रोसेसिंग और नेक्स्ट जनरेशन की कंप्यूटिंग तकनीक पर नए आइडिया को एक्सचेंज करने के लिए यूपीकॉन मंच तैयार किया गया। आईईईई यूपीकॉन 2026 के अगला 13वां संस्करण आईआईटी कानपुर में किया जाएगा।
निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि ऐसे सम्मेलनों के चलते सक्षम इंजीनियरों का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग को ज्यादा मजबूत किया जाना चाहिए। सतत सहयोग, मार्गदर्शन और औद्योगिक चुनौतियों से परिचय होना जरूरी है। डॉ. शंकर वेणुगोपाल ने टेक्नोलॉजी-आधारित इनोवेशन और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रो. अक्षय कुमार राठौर ने उच्च दक्षता वाले पावर इलेक्ट्रॉनिक कन्वर्टर्स पर अपनी बात रखी।































