ब्लिट्ज ब्यूरो
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अब रक्षा उत्पादों के साथ-साथ हवाई रक्षा उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। यहां ड्रोन, फाइटर प्लेन के कलपुर्जे और रक्षा जहाजों के उपकरण बनाए जाएंगे। पांच निवेशकों ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है और ड्रोन निर्माण होली के बाद से शुरू होने की संभावना है।
प्रदेश सरकार की नई एयरोस्पेस, रक्षा इकाई और रोजगार प्रोत्साहन नीति के बाद निवेशक इस क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं। सरकार निवेशकों को सब्सिडी दे रही है, जिससे वे खासे उत्साहित हैं। सबसे खास बात यह है कि इन निवेशकों को अपनी इकाइयों में बनने वाले उत्पादों की एक निर्धारित मात्रा सेना और सरकार को आपूर्ति करनी होगी।
– पांच निवेशकों ने काम शुरू किया, होली के बाद ड्रोन निर्माण होगा शुरू
– सरकार निवेशकों को दे रही सब्सिडी और अन्य सुविधाएं
सरकारी मदद और विशेष सुविधाएं
संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की नई नीति के तहत रक्षा व हवाई रक्षा उत्पाद बनाने वाले निवेशकों को कई लाभ मिलेंगे। इन इकाइयों को भूमि सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में छूट और पर्यावरण संरक्षण अवसंरचना सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसका मुख्य उद्देश्य अलीगढ़ सहित पूरे उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे में निवेश को बढ़ावा देना और नए रोजगार के अवसर सृजित करना है।
अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर में बड़े निवेश
अब तक अलीगढ़ के डिफेंस कॉरिडोर अंडला नोड में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली 20 इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है। इसके अलावा, इस नोड का विस्तार जीटी रोड पर हवाई अड्डे से आगे प्रस्तावित है, जहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। इस नीति के लागू होने के बाद नए निवेशकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
तैयार होंगे अत्याधुनिक उत्पाद
अलीगढ़ में हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले इग्राइटर, रक्षा जहाजों के उपकरण, ड्रोन, फाइटर प्लेन के कलपुर्जे और सैटेलाइट मार्किंग से जुड़े उत्पाद बनाए जाएंगे। इसके अलावा, यहां विभिन्न प्रकार के ग्रेनेड, तोपों में लगने वाले उपकरण, कारतूस, बुलेटप्रूफ जैकेट, भूमिगत माइंस और हथियारों में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण भी तैयार किए जाएंगे। इनमें से कुछ उत्पादों का निर्माण पहले से चल रहा है, जबकि कुछ प्रस्तावित हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ा हब बनने की ओर बढ़ रहा है।