ब्लिट्ज ब्यूरो
भरतपुर। राजस्थान में बढ़ती गर्मी और लू की चेतावनी को देखते हुए राज्य सरकार ने गौवंश की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गौवंश संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पशुपालन विभाग ने सभी गौशालाओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि गर्मी के प्रभाव से गौवंश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शेड्स और छायादार व्यवस्था अनिवार्य
संयुक्त निदेशक, पशुपालन डॉ. खुशीराम मीना के अनुसार, भरतपुर जिले की सभी गौशालाओं को तेज धूप और लू से बचाने के लिए गौवंश के लिए शेड्स की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। तिरपाल, टाट या बोरों से ढककर गर्मी की तीव्रता को कम किया जा सकता है। पशुओं को पर्याप्त छाया मिलना अनिवार्य है।
शीतल पेयजल और पोषण युक्त आहार की व्यवस्था
गौशालाओं को निर्देशित किया गया है कि पशुओं को दिन में कम से कम चार बार ठंडा, स्वच्छ और भरपूर पानी पिलाया जाए। इसके साथ ही, उन्हें पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा और पोषण युक्त आहार भी दिया जाए। बीमार, गर्भवती और अक्षम गौवंश की विशेष देखभाल की आवश्यकता बताई गई है।
नियमित जांच और उपचार जरूरी
अशक्त या बीमार पशुओं के लिए नजदीकी पशु चिकित्सकों से नियमित जांच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गर्मियों में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी रखने को भी कहा गया है।
आग और संक्रमण से बचाव के निर्देश
गर्मी के मौसम में आग लगने जैसी घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी गौवंश की मृत्यु होती है तो उसका शव सम्मानजनक और शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि दुर्गंध और संक्रमण की स्थिति न बने।
समय रहते पुख्ता इंतजाम की अपील
राज्य सरकार ने गौशालाओं से आग्रह किया है कि वे समय रहते सभी आवश्यक प्रबंध और सुविधाएं सुनिश्चित करें। इससे न सिर्फ गर्मी से गौवंश की रक्षा हो सकेगी, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।