ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का लक्ष्य समय पर हासिल करने के लिए बीएमसी ने संपत्तिधारकों को बिल भेज दिया है। प्रॉपर्टी टैक्स भरने की अंतिम समय सीमा 31 दिसंबर है। मुंबईकरों ने यदि तय समय में टैक्स नहीं भरा तो प्रॉपर्टी टैक्स पर दो प्रतिशत जुर्माना देना होगा। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने बीएमसी द्वारा मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स का रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को वापस कर दिया था। इसके बाद बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए बिल भेजना शुरू कर दिया।
– बीएमसी ने दिया अल्टीमेटम
– पिछले दो वित्त वर्षों में हुई लक्ष्य से अधिक वसूली
अप्रैल से सितंबर 2024 और अक्टूबर से मार्च 2025 तक छह-छह महीने का भुगतान प्रॉपर्टी धारकों को एक साथ भेजा गया है। नियमित टैक्स भरने वालों के साथ ही वर्षों से टैक्स न भरने वाले डिफॉल्टरों से भी टैक्स वसूलने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
मुंबई में 922000 प्रॉपर्टी धारकों को बिल
इस साल प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 6650 करोड़ रुपये है। इसके लिए मुंबई के 9,22,000 प्रॉपर्टी धारकों को बिल भेजे जा चुके हैं। अप्रैल से सितंबर 2024 तक के भुगतान की आखिरी तारीख 12 दिसंबर है। वहीं अक्तूबर से मार्च 2025 तक का टैक्स 31 दिसंबर 2024 तक भरना है। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक का टैक्स एडवांस में लिया जाएगा। यह नियम है। अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2023-24 में 4500 (संशोधित) करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया था। बीएमसी ने लक्ष्य से अधिक 4689 करोड़ रुपये की वसूली की थी। बता दें कि बीएमसी ने वर्ष 2022-23 में 4,800 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का लक्ष्य रखा था। इसके मुकाबले लक्ष्य से ज्यादा 5575 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी।
बीएमसी की कमाई का प्रमुख साधन
अधिकारी ने कहा कि यदि प्रॉपर्टी धारक बिल का भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो हर महीने टैक्स पर अतिरिक्त दो प्रतिशत का ब्याज जुर्माना के रूप में भरना होगा। अधिकारी ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों को बार-बार नोटिस भेजकर टैक्स भरने के लिए कहा जाता है, लेकिन लोग समय पर टैक्स नहीं भरते हैं। ऑक्ट्रॉय बंद होने के बाद बीएमसी की आय का प्रमुख साधन प्रॉपर्टी टैक्स रह गया है।
बीएमसी नहीं उठा पाती कड़े कदम
जहां बीएमसी प्रॉपर्टी टैक्स बकायादारों से बकाया वसूलने के लिए उन पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दे रही है, वहीं जब्त संपत्तियों की नीलामी करने में अब तक विफल रही है। पिछले 10 से 12 साल में जब्त 3756 संपत्तियों की नीलामी नहीं हुई है। इस संबंध में कुछ कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन बीएमसी की उदासीनता भी इसके लिए एक बड़ा कारण है। बीएमसी छोटे बकायेदारों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए योजना बनाती है, लेकिन वर्षों से करोड़ों बकाया न भरने वालों के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठा पाती । इसके पीछे राजनीति और प्रशासनिक दबाव भी एक कारण माना जाता है।