ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में अक्टूबर के अंत तक श्रद्धालुओं के लिए सभी छह मंदिर दर्शन के लिए खुल जाएंगे। वहीं 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित होगा जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीमित प्रवेश और परिक्रमा की व्यवस्था की जा रही है।
बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर के सभी 6 मंदिरों के दर्शन का मार्ग अक्टूबर के अंत तक श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी है। राम मंदिर के निर्माण कार्य को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने दी है।
नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 25 नवंबर को होने वाले भव्य ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। समारोह के लिए करीब 8 हजार अतिथियों की सूची तैयार की जा रही है। संयोगवश, यह तिथि अयोध्या में भगवान राम के विवाहोत्सव के वार्षिक आयोजन के साथ पड़ रही है। इस मौके पर पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
मिश्रा ने कहा कि अक्टूबर अंत से श्रद्धालुओं को नियंत्रित तरीके से मंदिर परिसर में प्रवेश मिलेगा। विशेष रूप से कुबेर टीला और राम दरबार जैसे स्थलों पर सीमित प्रवेश की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, 70 एकड़ क्षेत्रफल में चल रहे लैंडस्केपिंग कार्य में अब तक 70 प्रतिशत हरियाली विकसित की जा चुकी है। पौधारोपण का शेष कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। परिसर में 10 एकड़ में फैला पंचवटी क्षेत्र भी इसी अवधि तक तैयार हो जाएगा।
मंदिर परिसर का ऑडिटोरियम मार्च 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा जबकि चार किलोमीटर लंबी परिधि दीवार का काम दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाने का लक्ष्य है। यह दीवार सेंसर और 25 वॉचटावर से लैस होगी।
हालांकि, परिधि का प्रारंभिक कार्य ध्वजारोहण समारोह से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अतिथियों के स्वागत के लिए सजावट, सफाई और मलबा हटाने का काम तेज कर दिया गया है। एक बार परिधि का काम पूरा होने के बाद श्रद्धालु न केवल परिसर की परिक्रमा कर सकेंगे, बल्कि छहों मंदिरों में भी दर्शन का अवसर पाएंगे।