आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों, छात्रों और नीति-निर्माताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत अब चांद और मंगल की सफल यात्राओं के बाद गहरे अंतरिक्ष मिशन ( डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन) की तैयारी कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘हम चांद और मंगल तक पहुंच चुके हैं। अब हमें गहरे अंतरिक्ष में झांकना है, जहां मानवता के उज्ज्वल भविष्य के कई रहस्य छिपे हुए हैं। आकाशगंगाओं के परे हमारा क्षितिज है। ब्रह्मांड हमें बताता है कि कोई सीमा अंतिम सीमा नहीं है।’
अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा भारत
पीएम मोदी ने एलान किया कि भारत अपने भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का एक विशेष पूल तैयार करेगा और युवाओं से इसमें शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही गगनयान मिशन लॉन्च करेगा और आने वाले वर्षों में अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत तेजी से सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्टि्रक प्रोपल्शन जैसी नई तकनीकों में प्रगति कर रहा है। उन्होंने निजी क्षेत्र से भी आगे आने का आग्रह किया और कहा कि आने वाले पांच साल में पांच अंतरिक्ष स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, ‘क्या हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं, जहां भारत हर साल 50 रॉकेट लॉन्च करे?’
चंद्रयान-3 और शुभांशु की उपलब्धि की तारीफ
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 मिशन से इतिहास रचा था और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भी तारीफ की, जिन्होंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा लहराकर भारत का मान बढ़ाया। पीएम मोदी ने जानकारी दी कि इस वर्ष राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम ‘आर्यभट्ट से गगनयान’ रखी गई है, जो भारत के गौरवशाली अतीत और भविष्य के संकल्प दोनों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड का भी जिक्र किया, जिसमें 60 से अधिक देशों के 300 युवाओं ने भाग लिया और भारतीय युवाओं ने पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि इसरो युवा पीढ़ी में अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए स्पेस हैकाथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज जैसी पहल भी कर रहा है। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यह मिशन वर्ष 2027 की पहली तिमाही में लॉन्च होगा। इसमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे।