नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों पर लागू होंगे। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देना है। सीबीएसई का मानना है कि इन नए नियमों से छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा और वे अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर पाएंगे।
इन नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण हैं – न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता और कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि। इसके अलावा, बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न और मूल्यांकन प्रक्रिया में भी कुछ बदलाव किए हैं। आइए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि ये कैसे छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
बोर्ड परीक्षा 2025 के नए नियम एक नजर में
सीबीएसई बोर्ड ने 2025 की परीक्षाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अनुभव प्रदान करना और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
नियम विवरण
– न्यूनतम उपस्थिति 75% उपस्थिति अनिवार्य
– कौशल-आधारित प्रश्न
– 50% प्रश्न कौशल और क्षमता आधारित
– आंतरिक मूल्यांकन कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित
– पाठ्यक्रम में कटौती 15% तक की कटौती
– ओपन बुक परीक्षा कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान
– चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन
– 2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू
– बाहरी परीक्षकों द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षा
न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता
– सीबीएसई बोर्ड ने 2025 की परीक्षाओं के लिए न्यूनतम उपस्थिति का नियम लागू किया है।
– इस नए नियम के अनुसार छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति होनी चाहिए।
– यह नियम 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के छात्रों पर लागू होगा।
– उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2025 तक की जाएगी।
– विशेष परिस्थितियों में 25% तक की छूट दी जा सकती है।
– इस नियम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नियमित रूप से स्कूल आने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। नियमित उपस्थिति से छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से लाभ होगा, बल्कि उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में भी मदद मिलेगी।
न्यूनतम उपस्थिति नियम के लाभ
बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन : नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने से छात्रों को पाठ्यक्रम को बेहतर ढंग से समझने और अपने प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
सामाजिक कौशल का विकास : स्कूल में नियमित उपस्थिति से छात्रों को अपने साथियों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा, जो उनके सामाजिक कौशल को बढ़ाएगा।
अनुशासन और जिम्मेदारी : नियमित उपस्थिति छात्रों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित करेगी, जो उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
समय प्रबंधन : नियमित स्कूल जाने से छात्र अपने समय का बेहतर प्रबंधन करना सीखेंगे। पाठ्येत्तर गतिविधियों में भागीदारी: स्कूल में नियमित उपस्थिति से छात्रों को विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जो उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विशेष परिस्थितियों में छूट
बोर्ड ने कुछ विशेष परिस्थितियों में 25% तक की छूट का प्रावधान किया है। इसमें शामिल हो सकते हैं।चिकित्सा आपात स्थिति राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी
अन्य गंभीर कारण
हालांकि, इस छूट के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। छात्रों को अपने स्कूल प्रशासन से संपर्क करके इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
– कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
– सीबीएसई ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में कौशल और क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है
– 10वीं कक्षा में 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे
– 12वीं कक्षा में 40% से बढ़ाकर 50% प्रश्न कौशल-आधारित किए जाएंगे
– इन प्रश्नों में बहुविकल्पीय प्रश्न और केस स्टडी शामिल होंगे
– प्रश्नों का उद्देश्य रटने की बजाय समझ का मूल्यांकन करना होगा
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जिसमें कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है।