ब्लिट्ज ब्यूरो
औरैया। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। इससे एक ओर जिले के विकास को रफ्तार मिलेगी। साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसर भी बनेंगे। जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।
दो गांव की जमीन पर बनेगा
इंडस्टि्रयल कॉरिडोर औरैया जिले के दो गांवों की जमीन पर बनेगा जिसमें मिहौली और निगड़ा गांव शामिल हैं। 639 किसान मिहौली और 232 किसान निगड़ा के शामिल हैं। इनसे जमीन खरीदी जानी है। 273 किसानों के बैनामे हो चुके हैं। किसानों को करोड़ों का मुआवजा मिलने जा रहा है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी
जानकारी के मुताबिक अब तक 93 फीसदी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इंडस्टि्रयल कॉरिडोर के लिए कुल 124 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने पिछले साल ही जमीन अधिग्रहण पर काम शुरू कर दिया था।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 296 किलोमीटर है। एक्सप्रेसवे का निर्माण साल 2020 में हुआ था। एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड में चित्रकूट से लेकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और इटावा सीधे जुड़े। एक्सप्रेसवे 4 लेन का है, जिसे भविष्य में जरूरत के हिसाब से 6 लेन का किया जा सकता है।
6 पैकेज में एक्सप्रेसवे का निर्माण
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण 6 पैकेज में हुआ है। पहला पैकेज चित्रकूट से बांदा तक 50.49 किलोमीटर, बांदा से महोबा तक 50.300 किलोमीटर, महोबा से हमीरपुर तक 49 किलोमीटर, हमीरपुर से जालौन तक 51 किलोमीटर, जालौन से औरैया तक 50 किलोमीटर का है।































