ब्लिट्ज ब्यूरो
दोहा। डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर का एलान कर दिया है। ईरान-इजरायल में युद्ध रुकने से पूरे पश्चिम एशिया ने राहत की सांस ली है क्योंकि ये लड़ाई लगातार फैलती जा रही थी। दोनों देशों ने सीज फायर की पुष्टि की है और साथ ही इस जंग में अपनी जीत का दावा किया।
सीजफायर का एलान भले ही ट्रंप ने किया है लेकिन ईरान और इजरायल की लड़ाई रोकने में अहम भूमिका कतर की रही। अरब देश कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने ही अमेरिका की ओर से प्रस्तावित युद्धविराम के लिए ईरान को मनाया है। ट्रंप ने सीजफायर की मध्यस्थता के लिए कतर के अमीर को धन्यवाद भी दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कतर के अमीर से संपर्क करते हुए उनसे इजरायल-ईरान में मध्यस्थता करने के लिए कहा था। उनको ईरान से बात करने का काम ट्रंप की ओर से दिया गया था। इसके बाद कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने तेहरान में ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई से संपर्क साधा और प्रस्तावित युद्धविराम के लिए उनकी सहमति हासिल की।
कतर ने कैसे की तेहरान की बात
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कतर के अमीर को बताया कि इजरायल युद्धविराम के लिए सहमत हो गया है। ऐसे में वह ईरान को भी लड़ाई रोकने के लिए मनाएं ताकि ये संघर्ष खत्म हो। इसके तुरंत बाद कतर के प्रधानमंत्री ने ईरानी सरकार से बात की और तेहरान से युद्धविराम शर्तों के लिए प्रतिबद्धता हासिल करने में सफलता पाई। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने स्वीकार किया कि तेहरान ने कतर की मध्यस्थता में युद्धविराम को स्वीकार किया है।
कतर ने ईरान-इजरायल युद्ध में मध्यस्थता ऐसे समय की है, जब वह खुद भी इसकी चपेट में आ गया था। ईरान ने सोमवार रात को कतर में अमेरिका के अल उदीद एयरबेस एयरबेस पर मिसाइल हमला किया था। अमेरिका के हवाई हमलों के जवाब में ईरान ने ये हमला किया। ईरान की ओर से सिर्फ कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाए जाने के बाद पूरे देश में इमरजेंसी के हालात हो गए थे और सरकार ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहने के लिए कहा था।
12 दिन तक लड़ी भीषण लड़ाई
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन की भीषण लड़ाई के बाद सीजफायर हुआ है। इस संघर्ष की शुरुआत 13 जून की सुबह हुई थी, जब इजरायली सेना ने ईरान में हवाई हमला कर दिया था। इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने की बात कहते हुए भारी बमबारी की थी। इसके बाद ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल हमले शुरू कर किए।
इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद 22 जून को अमेरिका इस लड़ाई में कूद गया। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों से हमले किए। इन हमलों के जवाब में ईरान ने सोमवार को पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दाग दीं। इससे ये लड़ाई पूरे पश्चिम एशिया में फैलने का अंदेशा पैदा हो गया था।
मंगलवार को ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइल के साथ सीजफायर के बाद विक्ट्री सेलिब्रेशन आयोजित किया गया।
उधर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के खिलाफ इजरायल ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। उन्होंने कहा- हम शेर की तरह उठे और हमारी दहाड़ ने तेहरान को हिला दिया। दूसरी तरफ ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि उनका देश न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा- ‘हमने इस तकनीक को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। हमारे वैज्ञानिकों ने बलिदान दिए हैं।’
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने सबसे पहले मंगलवार तड़के 3:30 बजे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दोनों देशों में सीजफायर की जानकारी दी थी।
इजरायल-ईरान संघर्ष 10 पॉइंट में
1. इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष 13 जून को ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर इजरायली हमले से शुरू हुआ।
2. 12 दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल पर संघर्ष रुका, लेकिन सीजफायर के बाद भी ईरान ने दो मिसाइलें दागीं।
3. ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों में इजरायल में 28 लोगों की मौत हुई, जिनमें 27 आम नागरिक थे।
4. इजरायल में 3238 लोग घायल हुए और 9000 से अधिक लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए।
5. ईरान ने करीब 550 मिसाइलें और 1000 ड्रोन दागे, लेकिन इजरायल ने 90% मिसाइलें और 99% ड्रोन मार गिराए।
6. ईरान की सिर्फ 31 मिसाइलें आबादी वाले इलाकों में गिरीं और एक ही ड्रोन घर से टकराया।
7. इजरायल के जवाबी हमलों में ईरान की दो-तिहाई मिसाइल लॉन्चिंग क्षमता और 80 से ज्यादा एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट हो गए।
8. इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले किए और 15 बड़े परमाणु वैज्ञानिक मार दिए।
9. इजरायल के हमलों में ईरान के 30 से ज्यादा टॉप सैन्य अधिकारी और सैकड़ों आईआरजीसी सैनिक मारे गए।
10. ईरान ने माना कि इजरायली हमलों में उसके 610 आम नागरिकों की भी मौत हुई है।
– नेतन्याहू का दावा, जंग में हमारी जीत हुई
– ईरान बोला- नहीं बंद होगा न्यूक्लियर प्रोग्राम
– दोनों देशों ने मनाया ‘विक्ट्री डे’