ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के चीफ जस्टिस (अब तत्कालीन) डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और अभिलेखागार का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ बाकी जज और वकीलों की फौज थी। उन्होंने वहां मौजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया। एआई वकील से सीजेआई ने पूछा कि क्या भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है?
एआई वकील ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हां, भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है, लेकिन यह केवल दुर्लभ मामलों में और कुछ विशेष दिशानिर्देशों के अनुसार ही लागू किया जाता है। सीजेआई मृत्युदंड को लेकर दिए जवाब से संतुष्ट दिखे और इसके बाद वह आगे चले गए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस म्यूजियम की कल्पना और योजना बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा है। वास्तविक निर्माण में लगभग छह महीने लगे हैं। यह कोर्ट के कामकाज के साथ-साथ किया गया है। हमने सोचा कि हमें सिर्फ कलाकृतियों का संग्रहालय नहीं चाहिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्वश्रेष्ठ संग्रहालयों की तर्ज पर एक ऐसा संग्रहालय चाहिए जो हमारे संस्थान और उच्च न्यायालयों के महत्व को हमारे नागरिकों को न्याय दिलाने और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में प्रदर्शित करे। यह हमारे देश के जीवन में अदालत के महत्व का प्रतीक है। इसलिए, अपने सभी साथियों की ओर से, मुझे यह संग्रहालय राष्ट्र को समर्पित करते हुए खुशी हो रही है।