संजय द्विवेदी
लखनऊ। यूपी में हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 संपन्न हुआ है पर इसके फौरन बाद से ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुंभ से भी बड़े अभियान का बीड़ा अपने हाथ में उठा लिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश में गत कुछ वर्षों में सभी शहरों का दायरा बढ़ा है लेकिन अनेक जगह बेतरतीब तरीके से नगरों का विकास हो रहा है।
बिना किसी प्लानिंग के खेती की भूमि आदि पर प्लाट काटे जा रहे हैं। अनेक अवैध कॉलोनियां बनती जा रही हैं। शहरों में वाहनों का दबाव, रिहायशी इलाके के लिए जरूरी सड़क, सीवर लाइन, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई प्लानिंग नजर नहीं आती। इन्हीं सब कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने के लिए योगी सरकार ने महायोजना की शुरुआत की है। इसके तहत प्रदेश के हर शहर को अब उसकी भौगोलिक स्थिति के हिसाब से विकसित करने का प्लान है। ये महायोजना इसलिए खास कही जा रही है क्योंकि सरकार ने मुजफ्फरनगर से गोरखपुर तक प्रदेश के 59 शहरों को इसमें शामिल कर लिया है। ये अब तक का सबसे बड़ा अभियान कहा जा रहा है।
जीआईएस पर आधारित विकास
दरअसल योगी सरकार ने जीआईएस यानी ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम बेस्ड महायोजना का खाका तैयार किया है। इसके अंतर्गत शहरों में उन्नत तकनीक और हाईटेक सुविधाओं से विकास किया जाएगा। सरकार की योजना है कि इस प्लान से एक तरफ शहरीकरण को सही दिशा मिलेगी तो दूसरी ओर शहर के बुनियादी ढांचे को और बेहतर व मजबूत किया जा सकेगा। सरकार जीआईएस तकनीक का उपयोग करके हर शहर को वैज्ञानिक और डेटा-आधारित बनाएगी। इसके जरिये शहरों की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय मामलों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार होंगी। सरकार का मानना है कि इससे शहरी क्षेत्रों में जो बेतरतीब विकास हो रहा है, उसे रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही योजनाबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा। शहरों में ट्रैफिक जाम और अनियंत्रित वाहनों की समस्या खत्म करने के लिए आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। बसों, मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन को बिना जाम आदि से जूझे अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाया जाएगा ताकि पैदल चलने वालों को सहूलियत रहे। दूसरी तरफ बारिश के पानी की निकासी और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सिस्टम को सुधारा जाएगा। यही नहीं शहरों में ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएंगी और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए नए पौधे लगाए जाएंगे।
इन शहरों में योजना को मिली मंजूरी
फिलहाल 35 शहरों को इस योजना के तहत आधुनिकरीकरण के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें अयोध्या, अलीगढ़, सहारनपुर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, आजमगढ़, प्रयागराज, बरेली, गाजीपुर, रामनगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मुजफ्फरनगर आदि शहर शामिल हैं। योजना में शामिल बाकी शहरों को भी जल्द ही अप्रूव कर दिया जाएगा।
विकास कार्यों से लोगों को मिलेगा रोजगार
अधिकारियों का कहना है कि इस महायोजना से न केवल शहरों के बुनियादी ढांचे का विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विभिन्न निर्माण कार्यों, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट सिस्टम और टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जीआईएस आधारित योजना से शहरी विकास में पारदर्शिता आएगी। इससे अधिकारियों को योजनाओं की सही निगरानी करने और किसी भी क्षेत्र में आवश्यक बदलाव करने में आसानी होगी। साथ ही, सरकार को शहरों के विकास से संबंधित सटीक डेटा मिलेगा, जिससे योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।































