मनोज जैन
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है, लेकिन भारत में आम जनता को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कब राहत मिलेगी, इसको लेकर तेल कंपनियां चुप्पी साधे हैं। सरकार के आंकड़े खुद बताते हैं कि सितंबर में देश की तेल कंपनियों ने पिछले 33 महीनों के दौरान सबसे सस्ता क्रूड खरीदा है।
पेट्रोलियम मंत्रालय की प्लानिंग और एनालिसिस सेल के मुताबिक सितंबर में भारत ने जो क्रूड खरीदा है, उसकी औसतन कीमत 73.69 डालर प्रति बैरल रही है। इससे ज्यादा सस्ती कीमत पर भारत ने दिसंबर, 2021 में (71.30 डालर प्रति बैरल) क्रूड खरीदा था। अब तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 71 डालर से भी नीचे आ गया है। ऐसे में देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती की पूरी सूरत बनती है, लेकिन फैसला सरकार और तेल कंपनियों को करना है।
अंतिम बार मूल्य कटौती 14 मार्च को हुई थी
भारत में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अंतिम बार कटौती इसी साल 14 मार्च (दो रुपये प्रति लीटर) को की गई थी।
मार्च, 2024 में भारतीय कंपनियों ने औसतन 84.49 डालर प्रति बैरल की दर से क्रूड खरीदा था। अगर इस दौरान डालर के सापेक्ष रुपये की कीमत पर ध्यान दें तो उसमें भी बहुत बदलाव नहीं हुआ है। मार्च, 2024 में एक डालर की कीमत 82.96 रुपये थी जबकि आज यह 83.82 रुपये है।
इस आधार पर ही रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि अभी भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल पर 15 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 12 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा कमा रही हैं। इक्रा ने उक्त दोनों उत्पादों की कीमतों में तत्काल दो से तीन रुपये प्रति लीटर कटौती की संभावना जताई है। सभी सरकारी तेल कंपनियों को अगस्त-अक्टूबर, 2024 की तिमाही में भारी मुनाफा होने की संभावना है।































