ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। महाकुंभ 2025 में रेलवे की तैयारियां भी यात्रियों में ‘आध्यात्मिक त्रिकोण’ के लिए जोश भरेंगी। खूबसूरत पेंटिंग के कारण आकर्षण का केंद्र बनीं ट्रेनें यात्रियों को पुकारेंगी कि ‘आओ चलें महाकुंभ’। उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल समेत पूरे देश से प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या को जोड़ने के लिए चलाई जाने वाली 13 हजार ट्रेनें जनसामान्य को भी प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी के सफर के लिए लुभाएंगी। रेलवे यार्डों से आई ट्रेनों की खूबसूरत तस्वीरें कुछ ऐसा ही संदेश दे रही हैं। आठ दिसंबर को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने महाकुंभ के दौरान ‘द स्पिरिचुअल ट्रायंगल रेल आफ इंडिया’ की बात की थी। यह बताया था कि महाकुंभ के दौरान 13 हजार ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेल अधिकारियों ने प्रयागराज महाकुंभ यात्रा को वाराणसी, अयोध्या से जोड़कर परिभाषित किया। ‘द स्पिरिचुअल ट्रायंगल रेल आफ इंडिया’ (आध्यात्मिक त्रिकोण) लिखी ट्रेनें तीनों आध्यात्मिक नगरियों की फोटो समेटे यार्डों में नजर आने लगीं हैं
ट्रेनों की दोनों साइडों पर यह लिखा है
महाकुंभ के लिए देशभर से चलाई जाने वाली ट्रेनों पर ‘आओ चलें महाकुंभ’ लिखा नजर आएगा। ट्रेन की एक झलक देख कोई भी पहचान लेगा कि यह ट्रेन आध्यात्मिक नगरी प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी का सफर कराएगी।
महाकुंभ में ‘साधु’ बनकर इनपुट जुटाएंगे
सुरक्षाकर्मी दिव्य और भव्य महाकुंभ में सुरक्षा का अभेद्य घेरा तैयार करने में जुटी पुलिस इनपुट स्पेशल। रेलवे जुटाने के लिए नई रणनीति के तहत काम कर रही है। इसके तहत मेला क्षेत्र में सुरक्षाकर्मी ‘साधु’ बनकर इनपुट जुटाएंगे। वह संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे, ताकि कोई भी मेले में किसी तरह से व्यवधान नहींकर उत्पन्न कर सके। महाकुंभ में तकनीक के साथ ही मैनुअल काम करने पर भी जोर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके।
रेलवे महाकुंभ लोकोत्सव
हमारी कोशिश है कि एक भी श्रद्धालु प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या दर्शन करने से छूटने न पाए ट्रेनें पहचानने में कोई परेशानी न होने पाए। इसके लिए ट्रेनों पर विशेष तरह की पेंटिंग की जा रही है।
– अशोक कुमार, पीआरओ, बनारस रेल मंडल