ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि उनकी सरकार अपनी शासन प्रणाली को और अधिक सुलभ, कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ी पहल कर रही है। एक बयान के मुताबिक, सीएम ने बताया कि उन्होंने खुद अपने ऑफिस (सीएम ऑफिस) को ई-ऑफिस में तब्दील कर दिया है ताकि दूसरे विभागों के लिए एक मिसाल कायम हो सके। एक दिन पहले सीएम ने दिल्ली विधानसभा को पेपरलेस बनाने की घोषणा भी की थी।
सीएम ने इस बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म में पारंपरिक कागजी फाइलों की जगह डिजिटल फॉर्मेट ने ले ली है, जिससे कामकाज पूरी तरह से आधुनिक और सुव्यवस्थित हो गया है।
अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग
रेखा गुप्ता ने आगे बताया कि सरकारी दफ्तरों में डिजिटलीकरण को लागू करने के लिए सभी स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। राजधानी भर के सभी सरकारी दफ्तरों को डिजिटल बनाने के अभियान ने प्रशासनिक कार्यों की गति को काफी तेज कर दिया है। हम केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप काम कर रहे हैं। यह प्रणाली जवाबदेही सुनिश्चित करती है और किसी भी अधिकारी या विभाग के पास कितने समय से फाइल लंबित है, इसकी रियल टाइम जानकारी प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने इसके व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, डिजिटलीकरण केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है; यह प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण का एक मिश्रण है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी काम त्वरित, सटीक और नागरिक केंद्रित हों और ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
199 विभागों में से 119 अब ई-ऑफिस बने
मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म ने जुलाई में ही उल्लेखनीय परिणाम दिखाए हैं। दिल्ली सरकार के 199 विभागों में से 119 विभाग अब पूरी तरह से ई-ऑफिस पर काम कर रहे हैं, जो जून के 22 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो गए हैं। इसी अवधि के दौरान, इन विभागों द्वारा उपयोग की जाने वाली डिजिटल फाइलों की संख्या 1.18 लाख से अधिक हो गई, जो पिछले महीने (जून) की तुलना में 250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाती है।
निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज और पारदर्शी
रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली ने न केवल कागज की खपत को काफी कम किया है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी तेज और पारदर्शी बनाया है। दिल्ली में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अब डिजिटल फाइल ट्रैकिंग, क्विक अप्रूवल और निर्णयों के तत्काल कार्यान्वयन का लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा को पेपरलेस बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह पहल दिल्ली के प्रशासन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। गत दिवस विधानसभा में ई-विधान प्रणाली के आधिकारिक शुभारंभ के साथ ही राजधानी के लोकतांत्रिक ढांचे में एक और ऐतिहासिक परिवर्तन दर्ज हो जाएगा।