ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा दो साल बाद दिवाली पर दमघोंटू हो गई है। राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 अंक रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। इससे पहले के दो वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के अंक से नीचे रहा था। यूं तो दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर दशहरे के बाद से ही खराब श्रेणी में पहुंचा हुआ है। 13 अक्तूबर के बाद से सिर्फ एक दिन ऐसा रहा है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक से नीचे रहा हो। इस बीच ज्यादातर समय सूचकांक खराब या फिर बेहद खराब श्रेणी में रहा। हवा की गति तेज होने या धीमी पड़ने पर प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी या बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 के अंक पर रहा। एक दिन पहले यह सूचकांक 268 के अंक पर रहा था। यानी चौबीस घंटों के अंदर सूचकांक में 39 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। हवा की गति धीमी होने के चलते हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा भी तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली के दो इलाकों, आनंद विहार और मुंडका में चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक के पार रहा।
प्रतिबंध की जमकर धज्जियां उड़ाईं
राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं जिसकी वजह से दिल्ली दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित शहर बन गया। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, दिवाली के अगले दिन हरियाणा व पंजाब के कई जिलों, चंडीगढ़ और कोलकाता में एक्यूआई का स्तर ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में शुक्रवार को एक्यूआई ने 400 का स्तर लांघ दिया जो बताता है कि हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है।
शुक्रवार की सुबह छह बजे दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 207.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। पीएम 2.5 की मौजूदगी की सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। पीएम 2.5 सूक्ष्म कण आसानी से श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर जाते हैं और विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। दीपावली के दौरान और उसके बाद प्रदूषण में वृद्धि से निपटने के प्रयास के तहत दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी पटाखों पर व्यापक व्यापक प्रतिबंध लागू किया था। प्रतिबंध के तहत पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई थी। दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 377 प्रवर्तन दल भी स्थापित किए थे और स्थानीय संगों के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी। अगले कुछ दिनों के बीच पटाखे और पराली की मुसीबत का सामना करना पड़ेगा, वहीं मौसम के कुछ कारक हल्की राहत दे सकते हैं।