ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 127 पंजीकृत राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पिछले छह वर्षों में इन राजनीतिक दलों ने विधान सभा व लोक सभा का चुनाव तो लड़ा है, लेकिन चुनाव खर्च का ब्योरा आयोग को नहीं दिया है। ऐसे में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर ने इन सभी राजनीतिक दलों को नोटिस भेजकर तीन अक्टूबर तक लिखित में जवाब मांगा है।
राजनीतिक दलों के अध्यक्ष व महासचिव कारण बताओ नोटिस का जवाब शपथ पत्र में जरूरी अभिलेखों के साथ तीन अक्टूबर तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय भेज सकते हैं। अगर ये पार्टियां निर्धारित तिथि तक अपना जवाब नहीं भेजती हैं तो यह माना जाएगा कि इस मामले में इन्हें कुछ नहीं कहना है।
इस संबंध में रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी। शपथ पत्र व जरूरी अभिलेखों के साथ नोटिस का जवाब भेजने वाले दलों की सुनवाई छह अक्टूबर से लेकर नौ अक्टूबर तक की जाएगी। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार विधान सभा चुनाव के 75 दिनों और लोक सभा चुनावों के 90 दिनों के अंदर चुनाव खर्चे का विवरण देना जरूरी होता है।
सपा ने की मतदाता सूची से नाम
काटने की शिकायत
मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर निर्वाचन आयोग पर पहले से हमलावर सपा ने अब वाराणसी की सेवापुरी विधानसभा में 121 मतदाताओं के नाम गलत तरीके से काटने की शिकायत की है। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र को ज्ञापन भेज मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।