ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। राज्य राजधानी क्षेत्र यानी एससीआर के गठन से 26 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भूभाग पर कारोबार सुगम होने की उम्मीद है। एससीआर में शामिल छह जिलों में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कोशिशों में तेजी आ सकती है।
दावा किया जा रहा है कि एससीआर में सुनियोजित विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। हाइस्पीड इंटर कनेक्टिविटी से दो करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा जो आगामी तीन दशक का रोड मैप होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर से उद्योगों के लायक माहौल बनेगा जिससे बड़ी संख्या में नौकरियों और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।एससीआर में लखनऊ के साथ बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली जिलों को शामिल किया गया है।
पिछली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान लखनऊ सहित एससीआर में शामिल अन्य पांच जिलों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए थे। इनमें लखनऊ में करीब ढाई लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए थे। अमौसी औद्योगिक क्षेत्र के सचिव और कारोबारी रजत मेहरा का कहना है कि निवेश के प्रस्तावों को अगर वास्तव में धरातल पर उतारना है तो विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना होगा। बिजली और कनेक्टीविटी के साथ जमीनों की उपलब्धता होने से कारोबार सुगम होगा।
इंडो अमेरिकन चैंबर्स के यूपी इकाई के अध्यक्ष मुकेश सिंह का कहना है कि एससीआर से एक खास एरिया में बहुत बड़ा बाजार उपलब्ध होगा जिससे निवेशक आकर्षित होंगे। कनेक्टीविटी से निवेशकों को अपना कारोबार लखनऊ के अलावा एससीआर के दूसरे शहरों में भी स्थापित करने में हिचक नहीं होगी।
आइआइए के अध्यक्ष विकास खन्ना का कहना है कि एससीआर में जनपदों के बीच हाई स्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जा रहा है जिससे आवागमन तेज व सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा। कंसल्टेंट ने बताया कि संबंधित जनपदों की जनसंख्या और बसावट के स्वरूप का अध्ययन किया गया है। इसी के आधार पर अवस्थापना एवं विकास परियोजनाओं का खाका खींचा जा रहा है।
एससीआर में किस जिले में क्या है संभावनाएं
राजधानी होने के कारण लखनऊ निवेशकों की पंसदीदा जगह है। यहां पर पहले से ही कई बड़ी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं और कई धरातल पर भी हैं। जब से ब्रह्मोस मिसाइल की यूनिट लगी है तब से डिफेंस सेक्टर में भी काफी उम्मीद हैं। इसके अलावा लखनऊ में रियल स्टेट, डेटा सेंटर, होटल, लाजिस्टिक और सर्विस सेक्टर में कई बड़ी कंपनियां आ रही हैं। लखनऊ में चिकन कारोबार से भी लाखों लोग जुड़े हैं। एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार है। आसपास के जिलों में निवेश आने से लखनऊ में पहले से स्थापित कारोबार का भी विस्तार होगा।
हरदोई में भी आएंगे निवेशक
एससीआर से लखनऊ हरदोई की सीमा पर 12सौ एकड़ में बन रहे संत कबीर मेगा वस्त्र एवं परिधान पार्क के साथ वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल हैंडलूम एवं रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण को भी गति मिलेगी। आने वाले समय में जनपद की वस्त्र एवं परिधान निर्माण के क्षेत्र में प्रमुख केंद्र होगा। एससीआर का लाभ जनपद की सभी 1293 ग्राम पंचायतों, 19 नगर निकायों तक पहुंचे व आम जनमानस लाभान्वित हों। एससीआर में शामिल होने के बाद रायबरेली के विकास का पहिया तेजी से दौड़ेगा।
एक जिला एक उत्पाद के तहत वुडेन वर्क से जुड़ी फैक्ट्रियों पर निवेश बढ़ेगा। जिले की 989 ग्राम पंचायत, 1574 गांव, 155 न्याय पंचायत, एक नगर पालिका, 09 नगर पंचायतों के विकास को गति मिलेगी।
सीतापुर को भी बड़ा लाभ
सीतापुर के एससीआर में शामिल होने से यहां के एक जिला एक उत्पाद (दरी) और स्थानीय उद्यमियों (मुख्यत: प्लाईवुड, चीनी, एथनाल) को काफी उम्मीद है। जिले की 1588 ग्राम पंचायत, 2103 राजस्व गांव, छह नगर पालिका परिषद और 11 नगर पंचायतों में विकास के नए आयाम स्थापित होने की संभावनाओं को बल मिल रहा है। दरी व स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलेगा।
उन्नाव में बढ़ी उम्मीदें, चमकेगा शहर
उन्नाव के एससीआर में शामिल होने के बाद अब यहां भी विकास की गाड़ी दौड़ने की उम्मीद जगी हैं। उद्यमियों को भरोसा है कि क्षेत्रीय विकास के साथ निवेशक की दिलचस्पी बढ़ेगी जिससे एक जिला एक उत्पाद और लोकल इंडस्ट्रीज की दिन बहुरेंगे। 1037 ग्राम पंचायत, 1700 राजस्व गांव, तीन नगर पालिका परिषद सहित 19 निकायों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा। उन्नाव शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के सचिव शुभम सिंह का कहना है कि अधिसूचना जारी हो गई है अब आगे विस्तृत कार्य योजना पर काम होगा।































