ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा शहर में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेले यूपीआईटीएस-2025 से उत्तर प्रदेश के व्यापारियों ने मोटा मुनाफा उठाया। इसमें 80 देशों के व्यापारियों ने भी हिस्सा लिया। विदेशी मेहमानों ने मेले में डबल फायदा उठाया। मेला पांच दिन तक चला।
रूस रहा कंट्री पार्टनर
रूस इस मेले में कंट्री पार्टनर बना। रूस से 30 से अधिक व्यापारियों तथा उद्योगपतियों मेले में भाग लिया।
इस प्रकार उठाया डबल फायदा
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा भारत का तेजी से विकसित हो रहा औद्योगिक नगर है। ग्रेटर नोएडा के पास ही भविष्य का सबसे बड़ा तथा सुंदर शहर यमुना सिटी विकसित हो रहा है। ग्रेटर नोएडा के एक कोने पर एशिया की सबसे शानदार औद्योगिक नगरी नोएडा शहर भी स्थापित है। ग्रेटर नोएडा के मेले में आए हुए विदेशी मेहमान ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना सिटी में घूमकर भारत में व्यापार की संभावनाएं तलाश की तथा इन शहरों में उद्योग लगाने के लिए जमीन तलाश की। रूस के 30 व्यापारियों ने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ बैठक करके ग्रेटर नोएडा में फैक्टरी स्थापित करने की इच्छा भी जाहिर कर दी है। ग्रेटर नोएडा के मेले यूपीआईटीएस-2025 में अपना व्यापार करके धन कमाने के साथ ही विदेशी मेहमान भविष्य के लिए जमीन तलाश कर मेले का डबल फायदा उठाया। दुनिया भर से आए बॉयर्स ने उत्तर प्रदेश के व्यापारियों तथा उद्योगपतियों के साथ बड़ी डील फाइनल की। उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे बड़े मेले को खास बनाने के लिए अनेक रोड–शो आयोजित करके देश भर के व्यापारियों तथा उद्योगपतियों को मेले के साथ जोड़ने का काम किया। अकेले नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के 1200 से अधिक उद्योगपति मेले मेंशामिल हुए। मेले में खान–पान से लेकर लोक संस्कृति के भी दर्शन करने का सौभाग्य उत्तर प्रदेश के नागरिकों को मिला। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मेले की व्यवस्थाओं की निरंतर निगरानी रखी।
यूपी सरकार के विभागों ने लगाए थे स्टॉल
नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तथा यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार के सभी प्रमुख विभागों ने मेले में स्टॉल लगाए ।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने चेतना मंच को बताया कि मेले के दौरान पांच कृषि विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी ने भी मेले में हिस्सा लिया । एफपीओ के कृषि संबधी उत्पादों, उपकरणों, बीज, उर्वरक व कृषि रक्षा रसायन निर्माताओं को प्रभावशाली मंच मिला तो आगंतुकों को उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति और तकनीक से भी रूबरू कराया गया।
यहां प्रदेश के प्रगतिशील किसानों व कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म मिला । मेले में कृषि विभाग को एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल आवंटित किया गया था। इसमें कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि संबंधी संस्थाएं, मंडी परिषद–कृषि विपणन निदेशालय, कृषि उपकरण, उर्वरक, बीज व पौध संरक्षण रसायन निर्माता कंपनियों ने भी हिस्सा लिया।
उत्तर प्रदेश के ग्रोथ इंजन के साथ ही ग्रीन इंजन की भी झलक मिली इस मेले में।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि व्यापार, उद्योग, संस्कृति, खानपान, तकनीकी नवाचार के अतिरिक्त इस बार सस्टेनेबिलिटी की अनूठी झलक देखने को मिली । योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अपनी प्रतिबद्धता का एक सशक्त संदेश देते हुए यहां ‘उत्तर प्रदेश प्लेजेस टू द प्लैनेट’ यानी पृथ्वी के प्रति उत्तर प्रदेश का संकल्प भी लिया। मेले का यह पहलू इस बात का सशक्त उदाहरण है कि कैसे उत्तर प्रदेश खुद को भारत के ग्रोथ इंजन के साथ–साथ ग्रीन इंजन के रूप में भी स्थापित कर रहा है।