ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकार ने नए माह से नए बैंकिंग नॉमिनेशन नियम लागू कर दिए हैं। इस बदलाव का मकसद खाताधारक की मृत्यु के बाद परिवार को पैसा मिलने की प्रक्रिया तेज और आसान बनाना है, ताकि किसी तरह का विवाद या देरी न हो।
नए नियमों के अनुसार, चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा हो गई है। हर खाते में अब ग्राहक प्राइमरी और सक्सेसिव नॉमिनी जोड़ सकेंगे। इससे यह तय होगा कि उसके निधन के बाद बैंक सबसे पहले पैसा किसे देगा और अगर वह व्यक्ति न रहे, तो अगला कौन होगा।
प्राइमरी नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे बैंक सबसे पहले भुगतान करता है। सक्सेसिव नॉमिनी तभी प्रभावी होता है, जब पहला नॉमिनी जीवित न हो। इस तरह ग्राहक चार नॉमिनी क्रम से जोड़ सकता है।
मिनी तय करते समय आप अपने जीवनसाथी या मुख्य आश्रित को प्राइमरी नॉमिनी बनाएं और बच्चों या अन्य रिश्तेदारों को सक्सेसिव नॉमिनी के रूप में रखें। हर बड़े बदलाव, जैसे शादी, बच्चे का जन्म या किसी की मृत्यु, के बाद नॉमिनेशन अपडेट करते रहें।
क्या होगा फायदा?
चार नॉमिनी जोड़ने से कई फायदे होंगे। परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, क्योंकि अगर पहला नॉमिनी नहीं है, तो अगला तुरंत अधिकार पा लेगा। बैंक को पहले से पता रहेगा कि पैसा किस क्रम में देना है, जिससे विवाद कम होंगे। आरबीआई ने यह भी तय किया है कि सभी जरूरी दस्तावेज मिलने के 15 दिनों के भीतर बैंक को दावा निपटाना होगा। इससे परिवार को कोर्ट या कानूनी प्रक्रिया के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
मिलेंगे दो विकल्प
सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट खातों में अब चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा होगी। अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा एक साथ दो या ज्यादा लोगों में बांटा जाए, जैसे पत्नी और बेटे को 50–50 फीसदी, तो इसे साइमल्टेनियस नॉमिनेशन कहा जाता है। और अगर आप चाहते हैं कि पहले पत्नी को मिले, फिर बेटे को और उसके बाद किसी तीसरे व्यक्ति को, तो इसे सक्सेसिव नॉमिनेशन कहा जाएगा। बैंक इन दोनों विकल्पों के लिए अलग-अलग फॉर्म उपलब्ध कराएंगे। ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।
लॉकर और सेफ कस्टडी सेवाओं में सिर्फ सक्सेसिव नॉमिनेशन की अनुमति है। यानी आप क्रम से नाम लिखेंगे, जैसे पहला नॉमिनी पत्नी, फिर बेटा, फिर बेटी। इनमें पहला जीवित व्यक्ति ही वैध नॉमिनी माना जाएगा और उसी को अधिकार मिलेगा।
ताकि पैसा बिना रुकावट सही हाथों में पहुंचे
नेक्सजेन के फाउंडर-डायरेक्टर डॉ. दीपक जैन का कहना है कि नए नियमों ने नामांकन को अधिक लचीला और पारदर्शी बनाया है। ग्राहकों को अपनी नॉमिनेशन रणनीति सोच-समझकर बनानी चाहिए, ताकि उनका पैसा बिना रुकावट सही हाथों में पहुंच सके।































