ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। गगनयान मिशन के लिए पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी-01) सफल रहा। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो ने वायुसेना, डीआरडीओ, नेवी और कोस्टगार्ड के साथ मिलकर यह टेस्ट पूरा किया। वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से 4 किमी ऊंचाई से क्रू मॉड्यूल को गिराया गया। यह टेस्ट पूरी तरह से पैराशूट आधारित सिस्टम की जांच के लिए था, ताकि भविष्य में जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटें तो उनका क्रू मॉड्यूल सुरक्षित तरीके से समुद्र में उतर सके। क्रू मॉड्यूल में ही अंतरिक्ष यात्री होते हैं।
इस टेस्ट में पहले छोटे पैराशूट खोले गए, जिनकी स्पीड कम हुई तो पायलट पैराशूट और फिर तीन बड़े पैराशूट खुले। उनकी मदद से क्रू मॉड्यूल धीरे-धीरे सुरक्षित ढंग से नीचे उतरा। अब इस टेस्ट के सभी डेटा का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा, जिसके बाद आगे के टेस्ट की योजना बनेगी। इसरो का प्लान है कि ऐसे 7 एयर ड्रॉप टेस्ट किए जाएं। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री भेजने से पहले एक ह्यूमनॉइड रोबॉट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, ताकि सभी सिस्टम की सुरक्षा की पूरी जांच हो सके।
क्या है? गगनयान मिशन
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है।
अब तक कितना काम हुआ?
– लॉन्च व्हीकल एचएलवीएम 3 तैयार
– एयरफोर्स के 4 पायलट की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी
– क्रू मॉड्यूल और लाइफ सपोर्ट सिस्टम फाइनल स्टेज में
– कू एस्केप सिस्टम तैयार
– बैकअप रिकवरी के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ भी समझौता
शुभांशु आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष यात्री शुभाशु शुक्ला और अन्य गगन यात्रियों को सम्मानित किया। नई दिल्ली में कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने शुभांशु से कहा कि उनका अनुभव आगामी मिशन में बड़ा मददगार साबित होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि शुभांशु की यात्रा पीढ़ियों को प्रेरणा देगी। वह बजरंग बली के भक्त हैं। शुभांशु ने कहा कि वह बचपन में शर्मीले थे और युवावस्था में उन्होने कभी अंतरिक्ष में जाने का सपना नहीं देखा था।