ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में वे 8-9 घंटे का सफर सिर्फ कुछ ही मिनटों में पूरा कर पाएंगे। सरकार को भी सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ को जोड़ने वाली रोपवे परियोजना से बिना किसी निवेश के अच्छी कमाई होगी। इस प्रोजेक्ट में अडाणी एंटरप्राइजेज ने भी दिलचस्पी दिखाई है।
रेवेन्यू में 42% हिस्सेदारी देने की पेशकश
कंपनी ने नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएएल) के साथ रेवेन्यू में लगभग 42% हिस्सेदारी देने की बात कही है। एनएचएलएमएएल पूरे देश में ऐसी परियोजनाओं को लागू करने वाली एजेंसी है। लगभग 13 किलोमीटर का यह रोपवे बनने से यात्रियों का सफर बहुत आसान हो जाएगा। अभी गौरीकुंड से केदारनाथ का पैदल सफर पूरा करने में 8-9 घंटे लगने का समय लगता है। रोपवे से यह सफर में सिर्फ 36 मिनट में पूरा हो सकेगा।
चार में से तीन बोलीदाताओं की पेशकश
इस प्रोजेक्ट के लिए चार में से तीन बोलीदाताओं ने एनएचएलएमएएल के साथ रेवेन्यू साझा करने की पेशकश की है। एनएचएलएमएएल ने पहले दो बार बोलियां रद कर दी थीं। फिर कुछ सुधार करने के बाद नई बोलियां मंगाई गईं। हाल ही में कैबिनेट ने 4,081 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर लागू करने की मंजूरी दी है। इस रोपवे से हर दिन 18,000 लोग सफर कर सकेंगे। यानी साल में लगभग 32 लाख लोग इससे यात्रा कर पाएंगे। केदारनाथ मंदिर आमतौर पर छह महीने के लिए खुलता है। यह प्रोजेक्ट छह साल में पूरा होगा। बोली जीतने वाली कंपनी को 35 साल तक इसे चलाने, रखरखाव करने और किराया वसूलने का अधिकार मिलेगा।
3एस तकनीक का यूज
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे में ट्राई केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक का इस्तेमाल होगा। यानी इसमें तीन तारों पर चलने वाले गोंडोला होंगे, जिन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। हर गोंडोला में 36 यात्री बैठ सकेंगे। पिछले साल लगभग 23 लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ मंदिर के दर्शन किए थे। अधिकारियों ने बताया कि 12.4 किलोमीटर लंबी गोविंदघाट-घांघरिया-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना के लिए वित्तीय बोलियां अगले हफ्ते खोली जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च लगभग 2,730 करोड़ रुपये है। इससे हर दिन 11,000 लोग यात्रा कर सकेंगे। रोपवे बनने से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों को बहुत सुविधा होगी। उनका समय बचेगा और यात्रा भी आसान हो जाएगी।
सरकार को भी बिना किसी निवेश के अच्छी कमाई होगी।