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गौतमबुद्ध नगर में बनेगा पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब

Gautam Buddha Nagar will have the biggest multi-model transport hub of western UP
ब्लिट्ज ब्यूरो

लखनऊ। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जिले में पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनने वाला है। ग्रेटर नोएडा के बोडाकी के पास मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) बनाया जा रहा है। इसी में रेलवे स्टेशन भी बनाया जाएगा। यहां पर 12 प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं जहां से वंदे भारत एक्सप्रेस समेत रोजना 100 ट्रेन चलाई जाएंगी। इस स्टेशन का नाम ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल रखा गया है।
दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर का हिस्सा
ग्रेटर नोएडा के बोडाकी में 176 हेक्टेयर में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल भी इसी में 46 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। इस स्टेशन पर 12 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। वहीं, ट्रेनों के रखरखाव के लिए 63 यार्ड लाइनें भी बनेंगी। स्टेशन के ग्राउंड फ्लोर पर ट्रेन का परिचालन होगा। वहीं, ऊपरी मंजिल पर मॉल, रिटेल, ऑफिस और गेस्ट हाउस भी बनाए जाएंगे। दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर परियोजना का यह एक शुरुआती हिस्सा है।
70,000 वर्ग मीटर होगा बिल्टअप एरिया
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में मेट्रो स्टेशन, एक आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, एनसीआर, दिल्ली के अन्य हिस्सों से आने-जाने वाले यात्रियों को लाया जाएगा। एमएमटीएच के बीच में ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल होगा जो कि एक मॉडर्न रेलवे स्टेशन होगा। रेलवे स्टेशन का बिल्टअप एरिया 70,000 वर्ग मीटर का होगा।
विशेष रेलवे परियोजना घोषित
एमएमटीएच को लेकर अधिकतर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। वहीं, 46 हेक्टेयर में बनने वाली जमीन के अधिग्रहण के काम को दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। एमएमटीएच को दिसंबर 2024 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था। इसके निर्माण को लेकर कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।
आनंद विहार पर लोड होगा कम
पूरे क्षेत्र को दो जोन में बांटा गया है। जोन-1- जो कि 130 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें आईएसबीटी, स्थानीय बस टर्मिनल, मेट्रो स्टेशन और कमर्शियल एरिया होंगे। वहीं, जोन-2 जो कि 46 हेक्टेयर में फैला है। उसमें मेगा रेलवे टर्मिनल और दूसरे कमर्शियल एक्टिविटी होंगे। इसके तैयार हो जाने के बाद आनंद विहार रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी पर दबाव कम होगा।

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