ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जर्मनी चीन पर अपनी कंपनियों की निर्भरता कम करने की दिशा में काम कर रहा। जर्मनी की 28 फीसदी कंपनियां भारत में निवेश और अपना कारोबार बढ़ाने की दिशा में काम भी कर रही हैं।
श्रम समाधान
दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था में करीब 17 लाख श्रमिकों का संकट है। जर्मनी के श्रम मंत्री ह्यबरटस हेल ने कहा है कि 2035 तक जर्मनी को अतिरिक्त 70 लाख कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।
साझेदारी के मायने
1. भारत- जर्मनी साझेदारी दोनों देशों के संपूर्ण विकास में अहम है। वर्ष 2001 से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध मजबूत हुए।
2. दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल दोनों देशों ने वर्ष 2023 में वर्क प्लान तैयार किया था। जर्मनी भारत में भविष्य देख रहा है।
3. जर्मनी भारत के साथ एआई, साइबर सुरक्षा, आधुनिक खेती और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए साथ चलने की दिशा में आगे बढ़ रहा।
जर्मनी के सामने दिक्कतें
1. जर्मनी की अर्थव्यवस्था लगभग अमेरिका और चीन पर निर्भर है।
2. ऊर्जा कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी से वहां महंगाई बेकाबू हो रही।
3. जर्मनी के लोगों का निवेश घटा, इससे आर्थिक संकट गहराया।
4. जर्मनी के केंद्रीय बैंक का राजकोषीय घाटा 0.35 फीसदी हुआ है।
5. श्रम बल संकट, 2050 तक श्रमबल उम्र सीमा 0.6 फीसदी घटेगी।
अमेरिका से अलग कैसे
1. जर्मनी वर्ष 1951 से भारत के विकास के लिए मदद कर रहा।
2. इंडो- जर्मन इंटर गर्वमेंटल कंस्ल्टेशन से दोनों करीब आए।
3. दोनों देश हर दो साल में 2011 से एकसाथ मंच साझा कर रहे।
4. जर्मनी ने भारत के आंतरिक मामलों में कभी दखल नहीं दिया।
5. जर्मनी जाने वाले भारतीयों को डाक टिकट जैसा वीजा देता है।
6. जर्मनी को भारत में कौशल विकास और युवाओं पर पूरा भरोसा।
जर्मनी-भारत रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में बढ़ाएंगे साझेदारी
– जर्मनी में रह रहे 2.60 लाख से अधिक भारतीय
– 2000 जर्मन कंपनियां भारत में काम कर रहीं
– एफडीआई के माध्यम से निवेश
– 1.37 लाख से अधिक भारतीय जर्मनी में नौकरी कर रहे
– 4.8 अरब डॉलर का करार छह पनडुब्बी के लिए संभव
– बड़ा व्यापारिक साझेदार
– वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 26 अरब डॉलर का था, इसमें भारत ने 10.1 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
– जर्मनी भारत के लिए 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार।
– भारत में निवेश मामले में जर्मनी नौवें स्थान पर है।
– जर्मनी में देश की 213 कंपनियां हैं।