ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में आने वाले दिनों में उच्च शिक्षा में भी बेटियां ऊंची उड़ान भरेंगी। शिक्षा में लिंग भेद को दूर करने के लिए उत्तराखंड राज्य महिला नीति में विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। इसके तहत वर्ष 2030 प्रदेश में उच्च शिक्षा में महिला प्रतिशत को 60 तक किए जाने का लक्ष्य है, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 41 प्रतिशत है।
उत्तराखंड राज्य महिला नीति को शीघ्र लागू किए जाने की तैयारी है। विभिन्न विभागों से समन्वय बनाते हुए महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसका ड्राफ्ट करीब-करीब तैयार कर लिया गया है। महिला नीति में बालिका शिक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में महिला साक्षरता दर 79.8 प्रतिशत तो पुरुष साक्षरता दर करीब 89.3 प्रतिशत है। जबकि उच्च शिक्षा में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। मात्र 41 प्रतिशत बालिकाएं ही उच्च शिक्षा में नामांकन करा रही हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं का उच्च शिक्षा में कम प्रतिशत शिक्षा में उनके लिंग भेद को दर्शाता है। यूनिफाइड डिस्टि्रक्ट इंफ़ॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के वर्ष 2021-22 के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में बालिकाओं की शुद्ध नामांकन दर प्राथमिक शिक्षा में 88.91, उच्च प्राथमिक शिक्षा में 71.66, माध्यमिक शिक्षा में 49.0 और उच्च माध्यमिक शिक्षा में 43.34 प्रतिशत है।
इन आंकड़ों में आने वाले वर्षों में सुधार किया जा सके, इसके लिए महिला नीति में बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर सुझाव दिए गए हैं
स्कूल छोड़ने की दर माध्यमिक में सबसे अधिक
यूडीआईएसई की रिपोर्ट के हवाले से महिला नीति के ड्राफ्ट में कहा गया है कि लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर प्राथमिक शिक्षा में 1.24 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक में 2.05 और माध्यमिक स्तर पर 4.24 प्रतिशत है।
जल्दी विवाह भी दूर कर रहा शिक्षा से
रिपोर्ट कहती है कि बीते वर्षों में तीन से 35 वर्ष आयु में से लगभग 45.4 प्रतिशत लड़कियां किसी न किसी शैक्षिक कार्यक्रम में नामांकित तो हुईं, लेकिन कक्षाओं में नियमित नहीं रहीं। इनके प्रमुख कारणों पर चर्चा करने पर 36.5% लड़कियों ने घरेलू गतिविधियों में व्यस्तता को शिक्षा में शामिल न होने को कारण बताया, जबकि 18.8% महिलाओं ने विवाह को शिक्षा में शामिल न होने का कारण बताया। प्रदेश में बालिकाओं के शिक्षा में प्रतिशत को बढ़ाने के लिए महिला नीति में कई प्रावधान किए गए हैं, जिन्हें विभिन्न विभागों के समन्वय से चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा।
बेटियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करें
सरकार का उद्देश्य यही है कि प्रदेश की बेटियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करें। – रेखा आर्या, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री