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शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी, अपने गृह जिले में काम करने का आदेश जारी

Hindi language made compulsory in primary schools of Maharashtra
ब्लिट्ज ब्यूरो

लखनऊ। शिक्षामित्रों की लंबे समय से चल रही मूल विद्यालय वापसी की उम्मीद इस जाड़े की छुट्टियों में पूरी होती दिख रही है। शासन ने शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय वापसी का आदेश जारी कर दिया। इससे लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घर जाने का मौका मिलेगा। इसका सर्वाधिक लाभ महिला शिक्षामित्रों को मिलेगा। वे अपने वर्तमान तैनाती स्थल या अपने पति के घर की ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में तैनाती पा सकेंगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पहले शिक्षामित्रों से एक निर्धारित प्रारूप पर जानकारी ली जाएगी। इसके आधार पर जो शिक्षामित्र अपनी वर्तमान तैनाती स्थल पर रहना चाहते हैं, उनके विकल्प पर किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी। जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल तैनाती विद्यालय का विकल्प देते हैं, वहां पद खाली है तो उनकी तैनाती कर दी जाएगी।
जहां मूल तैनाती स्थल पर जगह खाली नहीं है, उनको मूल विद्यालय की ग्राम सभा, ग्राम पंचायत या वार्ड में किसी विद्यालय में पद खाली होने पर तैनात कर दिया जाए। उन्होंने तीन जनवरी को जारी शासनादेश का हवाला देते हुए कहा है कि इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति प्रक्रिया पूरी करेगी। इसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य होंगे। बता दें कि शिक्षामित्रों के समायोजन व मूल विद्यालय तबादले के लिए तीन जनवरी को शासनादेश जारी किया गया था। 12 जून को इसके क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे। किंतु विभाग इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं करा सका है। जबकि इसकी प्रक्रिया शुरू न करने पर हाल ही में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने शासन का आभार जताते हुए कहा कि इस कवायद से लगभग 30 हजार शिक्षामित्र प्रभावित होंगे। जिनको अपने घर के पास जाने का मौका मिल जाएगा। विभाग जिला स्तर पर जल्द इसकी प्रक्रिया शुरू कराए।
हर विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र
विशेष सचिव ने पूर्व में जारी निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि हर विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र रह सकते हैं। नक्सल प्रभावित विद्यालयों में अधिकतम तीन शिक्षामित्र रह सकते हैं। इसी आधार पर विभाग की ओर से रिक्तियों की गणना की जाएगी। फिर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा।
दो चरणों में होगी प्रक्रिया
विभाग ने स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया दो चरणों में होगी। पहले चरण में मूल विद्यालय में पद खाली रहने पर व पास के विद्यालय में तबादले के इच्छुक शिक्षामित्रों को मौका मिलेगा। इसके बाद दूसरे चरण में समायोजन होंगे।

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