गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। भारत ने इंग्लैंड में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दो गोल्ड समेत चार पदक जीते हैंं। मीनाक्षी ने 48 किलो वेट कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में 3 बार की विश्व विजेता कजाकिस्तान की नजिम काईजीबे को 4-1 से हराया।
मीनाक्षी इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय बॉक्सर हैं। मीनाक्षी से पहले जैस्मिन लंबोरिया ने 57 किलोग्राम में पोलैंड की जूलिया स्जेरेमेटा को 4-1 से मात दी। नुपुर श्योराण ने 80 प्लास किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक व पूजा बोहरा ने 80 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया। चारों ही बेटियां हरियाणा से हैं। जैस्मिन, नुपुर व पूजा वोहरा भिवानी जिले की हैं जबकि मीनाक्षी रोहतक से हैं।
भारत के वर्ल्ड चैंपियन की संख्या
डबल डिजिट में पहुंची
मीनाक्षी के गोल्ड के साथ भारत के वर्ल्ड चैंपियंस की संख्या डबल डिजिट में पहुंच गई है। वे वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की विमेंस कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की 10वीं मुक्केबाज हैं। मीनाक्षी ने भारत को टूर्नामेंट के इतिहास में विमेंस कैटेगरी का 16वां गोल्ड दिलाया है। इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
लंबे हाथों का फायदा
मीनाक्षी ने पेरिस ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट नजिम काईजीबे (कजाकिस्तान) को 48 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में 4-1 से हराया। उन्होंने बैकफुट पर रहते हुए अपने लंबे हाथों का फायदा उठाया और प्रतिद्वंद्वी पर सीधे पंच जमाए। जैस्मिन ने जूलिया स्जेरेमेटा को 4-1 से हराया। पहला राउंड 2-3 से गंवाने के बाद भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन ने जोरदार वापसी की। उन्होंने मैच पर कंट्रोल किया। जैस्मिन ने अटैक और डिफेंस के बीच जोरदार समन्वय स्थापित किया, जिससे सभी जज उनके पक्ष में हो गए।
फाइनल में जीत के बाद जैस्मिन ने कहा-
इस अहसास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वर्ल्ड चैंपियन बनकर मैं बहुत खुश हूं। पेरिस ओलिंपिक में शुरुआती हार के बाद मैंने खुद को पूरी तरह से तैयार किया। यह सफलता उसी मेहनत का परिणाम है। जूलिया स्जेरेमेटा पेरिस ओलिंपिक 2024 की सिल्वर मेडलिस्ट रही हैं। पेरिस ओलिंपिक-2024 में जैस्मिन कोई मेडल नहीं जीत पाई थीं। इसके बाद उन्होंने खुद को नए सिरे से तैयार किया। अस्ताना में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
पेरिस ओलिंपिक के बाद खुद को तैयार किया
जैस्मिन ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिवरपूल में प्री-क्वार्टर फाइनल में ब्राजील की पैन अमेरिकन चैंपियन जुसीलेन सेर्केरा रोमेउ को 5-0 से हराया। क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की खुमोरानोबू मामाजोनोवा को 5-0 से मात दी। सेमीफाइनल में वेनेजुएला की ओमाइलीन कैरोलिना अल्काला सेविका पर 5-0 से जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई।
पुरुषों ने किया निराश
टूर्नामेंट में महिला मुक्के बाजों की शानदार सफलता के उलट पुरुष वर्ग के लिए यह चैंपियनशिप निराशाजनक रही। भारत का 10 सदस्यीय पुरुष दल बिना किसी पदक के घर लौट रहा है। 2013 के बाद यह पहला मौका है, जब भारतीय पुरुष मुक्के बाज खाली हाथ रहे।
50 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जादुमणि सिंह मंडेनबाम ने मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन कजाकिस्तान के संझार ताश्केनबाय को कड़ी चुनौती दी, लेकिन 0-4 से हार गए। जादुमणि के अलावा केवल अभिनाश जमवाल (65 किग्रा) ही क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे, जबकि बाकी खिलाड़ी शुरुआती दौर में ही बाहर हो गए।
पिछली बार मिले थे तीन मेडल
2023 में ताशकंद वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत ने पुरुष वर्ग में तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने तब मेडल दिलाए थे।
मिठाई बांटी
भिवानी में मुक्केबाज बेटियों की जीत पर परिजनों ने मिठाई बांटकर मनाई खुशी, कहा- खेल के प्रति डेडीगेशन व अनुशासन ने दिलाए मेडल।
बोले कोच : भीम अवॉर्डी कोच संजय श्योराण ने कहा : बीएफआई का करते हैं धन्यवाद, जिनके निर्देशन में बेटियों को आगे बढ़ने का मिला मौका
जैस्मिन लंबोरिया के कोच संदीप, मां रविंद्र कौर, पिता जयबीर ने कहा : बेटियों पर जताया विश्वास, खेलने का अवसर मिले तो बेटियां जरूर लाएंगी मेडल।