ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ बिना सहमति के यौन संबंध बनाने को दुष्कर्म करार दिया। कोर्ट ने इस अपराध के लिए 10 साल कैद की सजा पाने वाले व्यक्ति की दोषसिद्धि को बरकरार रखा। जस्टिस जी ए सनप की नागपुर बेंच ने एक आदेश में 24 साल के व्यक्ति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सेशन कोर्ट के 2021 के फैसले को चुनौती दी गई थी। सेशन कोर्ट ने आरोपी को अपनी नाबालिग पत्नी का यौन उत्पीड़न करने के मामले में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था और उसे 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चूंकि पीड़िता उसकी पत्नी है, इसलिए उनके बीच यौन संबंध को दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी की आयु 18 वर्ष से कम होने पर उसके साथ सहमति से यौन संबंध के आधार पर बचाव नहीं किया जा सकता।
बेंच ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म है। चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं। 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ बिना सहमति के यौन संबंध बनाना दुष्कर्म है।
महिला की शिकायत क्या?
महिला ने 2019 में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा कि वह आरोपी के साथ रिश्ते में थी लेकिन उसके मना करने के बावजूद उसने दुष्कर्म किया और उसे गर्भवती कर दिया। शिकायत में कहा गया कि इसके बाद दोनों साथ रहने लगे और उन्होंने शादी कर ली लेकिन व्यक्ति ने गर्भपात कराने पर जोर दिया।
महिला ने आरोप लगाया कि व्यक्ति ने शादी के नाम पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया तथा उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।
पीडि़त ने क्या कहा
अदालत ने कहा कि महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया और डीएनए जांच के अनुसार, आरोपी और महिला जैविक माता-पिता हैं। व्यक्ति ने अपनी याचिका में स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा कि शिकायतकर्ता उसकी पत्नी है, इसलिए उनके बीच शारीरिक संबंध को दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता और ये संबंध सहमति से बने थे।