ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी इंडस्ट्रीज के उत्पादन में सालभर पहले के मुकाबले 2022-23 के दौरान 21.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इनमें काम करने वालों की संख्या 7.5 प्रतिशत बढ़ी और इनको मिलने वाले कुल वेतन-भत्ते में 6.3 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। स्टैटिसटिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लिमेंटेशन मिनिस्ट्री की ओर से जारी एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज (एएसआई) 2022-23 में यह जानकारी दी गई।
1 करोड़ 85 लाख कर्मचारी
मिनिस्ट्री ने बताया कि 2022-23 के सर्वे के लिए नवंबर 2023 से जून 2024 तक फील्ड वर्क किया गया। 2022-23 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने वालों की संख्या महामारी के पहले यानी 2018-19 के स्तर से बढ़ गई। यह बढ़त 21.14 लाख से अधिक रही।
वहीं, वित्त वर्ष 22 में 1 करोड़, 72 लाख से अधिक लोग काम कर रहे थे, जिनकी संख्या वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 1 करोड़ 85 लाख से अधिक हो गई। इसके साथ ही प्रति कर्मचारी कुल मेहनताना 2021-22 मुकाबले 6.3 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 3 लाख 46 हजार 305 रुपये सालाना हो गया। प्रति वर्कर वेजेज 1 लाख 94 हजार रुपये से बढ़कर 2 लाख 5175 रुपये सालाना रही।
सबसे ज्यादा फैक्टरियां तमिलनाडु में
कारखानों में सबसे अधिक 15.66 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ तमिलनाडु पहले नंबर पर है। इसके बाद गुजरात (12.25 प्रतिशत), महाराष्ट्र (10.44 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (7.54 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (6.51 प्रतिशत) का नंबर रहा।
फूड प्रोडक्ट्स के कारखाने सबसे ज्यादा
ईस अवधि के दौरान लगभग 21 लाख 16 हजार लोग फूड प्रोडक्ट्स सेगमेंट में काम कर रहे थे। इसके बाद करीब 17 लाख 23 हजार लोग टेक्सटाइल्स, 14 लाख 12 हजार के आसपास के लोग बेसिक मेटल्स सेगमेंट, लगभग 13 लाख 20 हजार लोग वियरिंग अपैरल्स और करीब 12 लाख 64 हजार लोग मोटर व्हीकल, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स कारखानों में काम कर रहे थे।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 2 लाख 53 हजार 334 कारखानों में सबसे बड़ी 15.99 प्रतिशत हिस्सेदारी फूड प्रोडक्ट्स सेगमेंट की रही। इसके बाद अदर नॉन मेटलिक मिनरल प्रोडक्टस (11.57 प्रतिशत), टेक्सटाइल्स (7.15 प्रतिशत), फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स (6.79 प्रतिशत) और रबर एंड प्लास्टिक प्रोडक्ट्स (6.07प्रतिशत) का नंबर रहा।































