ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार अमेरिका समेत कई विदेशी संस्थाओं की ओर से भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी की गई रिपोर्ट्स से अवगत है। ये रिपोर्ट अक्सर पक्षपाती, गलत जानकारी वाली और एकतरफा होती हैं।
सिंह ने कहा कि यूएससीआईआरएफ यानी यूएस कमीशन
फार इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम एक राजनीतिक एजेंडे वाली संस्था है। सरकार इसकी रिपोर्ट्स को विश्वसनीय नहीं मानती। ये रिपोर्ट्स तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती हैं और भारत के बारे में एक गलत कहानी गढ़ती हैं। यह पहली बार है जब मंत्रालय ने संसद में इस बारे में बात की है। इस संस्था ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ‘धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन’ के कारण भारत को ‘विशेष चिंता वाला देश’ घोषित करने का सुझाव दिया था।
‘भारत के बारे में झूठी कहानी’
राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अमेरिका समेत विभिन्न विदेशी संस्थाओं की ओर से भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी रिपोर्ट्स पर सरकार का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सरकार इन रिपोर्ट्स से वाकिफ है, लेकिन इन्हें पक्षपाती, गलत और एकतरफा मानती है। खास तौर पर यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट्स पर बोलते हुए, सिंह ने कहा कि यह संस्था एक राजनीतिक एजेंडा के तहत काम करती है और भारत के बारे में झूठी कहानी फैलाती है।
‘संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी’
मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है। हमारे संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी है। एक स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया इन अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करते हैं। सरकार ने स्पष्ट रूप से यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और इसे भारत विरोधी प्रोपेगेंडा बताया है। सरकार का कहना है कि यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसमें भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।