ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जिम्मेदारियों के बोझ से घिरी रहने वाली ये महिलाएं कई बार ‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ का शिकार बन जाती हैं। भागती-दौड़ती जिंदगी में आज महिलाएं भी पुरुषों के साथ मिलकर घर की जिम्मेदारियों में बराबर हाथ बंटा रही हैं जिसके लिए कई बार उन्हें घर और काम के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती हैं। हालांकि कई बार लंबे समय तक ऐसा करते-करते महिलाओं को अपने जीवन में तनाव, चिड़चिड़ापन, थकान और उदासी महसूस होने लगती है।
‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ शब्द कहां से आया
बता दें, ‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ शब्द सबसे पहले अमेरिकी शोधकर्ता डॉ ब्रेंट बोस्ट द्वारा यूज किया। जिन्होंने बताया कि ‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ 25 से 55 वर्ष की उम्र के बीच की उन महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, जो कम समय में बहुत अधिक काम करने की कोशिश करती हैं। डॉ. बोस्ट का कहना है कि तनाव से मस्तिष्क में ‘फीलगुड’ केमिकल सेरोटोनिन का असंतुलन पैदा हो जाता है, जिससे महिला की थकान और भूख बढ़ने के साथ कई अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
किन कारणों से होता है
‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ ज्यादातर कामकाजी महिलाओं की मानसिक और शारीरिक स्थिति को बताता है। इस सिंड्रोम से पीड़ित महिलाएं अक्सर जल्दबाजी या हड़बड़ी में रहती हैं। आसान शब्दों में समझें तो यह सिंड्रोम ऑफिस और घर दोनों की जिम्मेदारियां उठानी वाली महिलाओं में देखा जाता है। जो अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाने के चक्क र में खुद अपनी सेहत और मानसिक स्थिति पर ध्यान नहीं दे पातीं जिसकी वजह से वो आगे चलकर ‘हरिड वुमन सिंड्रोम’ का शिकार बनती हैं। इसके पीछे आमतौर पर देर रात तक जागना, खुद की सेहत को नजरअंदाज करना, एक साथ कई काम संभालने की कोशिश करना जैसे कारण शामिल होते हैं।
लक्षण: सिरदर्द – थकान – सेक्स ड्राइव कम होना -वजन बढ़ना – मांसपेशियों में दर्द -अनिद्रा – खराब मूड – तनाव या चिड़चिड़ापन – सामाजिक गतिविधियों से बचनाहरिड वुमन सिंड्रोम से बचाव
इससे बचने के लिए सबसे पहले महिलाओं को अपनी प्राथमिकताओं का समझने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कामकाजी महिलाओं को ऑफिस में घर की टेंशन और घर में ऑफिस का तनाव लेने से बचना चाहिए। इसके अलावा खुद को तनावमुक्त रखने के लिए महिलाओं को अपने लिए भी समय निकलना चाहिए।
परिवार से मांगें मदद
लाइफ को स्मूथ बनाए रखने के लिए घर और ऑफिस के लोगों से अपने लिए सपोर्ट मांगने में झिझक महसूस न करें। जरूरत से ज्यादा प्रेशर महसूस होने पर दूसरों से बात करके हल निकालने की कोशिश करें।
डाइट का रखें ध्यान
महिलाओं को डाइट में पौष्टिक और संतुलित आहार को शामिल करना चाहिए। इसके लिए फलों और हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करें। पर्याप्त नींद लें पर्याप्त नींद लेने से मस्तिष्क फ्रेश महसूस करता है, जिससे महिला को ध्यान केंद्रित करने और चीजें याद रखने में मदद मिलती है।