ब्लिट्ज ब्यूरो
मऊ। ग्राम पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची अपडेट की जा रही है। मतदाता सूची अपडेट करने में इस बार कागजों पर काम करने के बजाए बीएलओ को डिजिटिल काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ई-बीएलओ एप तैयार किया है। खास बात यह है कि ई-बीएलओ एप का सबसे ज्यादा प्रयोग करने वाले बीएलओ को मानदेय के साथ प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इतना ही जिस जिले में ई-बीएलओ एप से सबसे ज्यादा काम होगा, उस जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को भी प्रदेश स्तर पर प्रोत्साहन राशि मिलेगी। पंचायत चुनाव की मतदाता सूची अपडेट करने के लिए जल्दी और डिजिटल काम करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार बीएलओ के लिए ई-बीएलओ ऐप तैयार किया है।
बीएलओ अपने मोबाइल में एप स्टॉल करेंगे और मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान इस एप के माध्यम से नाम काटने व बढ़ाने के लिए आवेदन करेंगे। यह सीधे एसडीएम के लॉगिन पर पहुंच जाएगा। एसडीएम के अप्रूव करने पर मतदाता सूची में नाम जुड़ जाएगा। ई-बीएलओ एप पर ज्यादा से ज्यादा काम हो इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्रा ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें बीएलओ को प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था की गई है। जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी होरीलाल ने बताया कि बताया कि एप से काम करना आसान और सुरक्षित है। ऑनलाइन प्रविष्टि से समय की बचत होती है और डेटा तुरंत उपलब्ध हो जाता है। अब प्रोत्साहन राशि मिलने से और भी बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
श्रेष्ठ कार्य करने वाले बीएलओ होंगे पुरस्कृत
जिलास्तर पर ऐसे आठ बीएलओ, जिन्होंने ई-बीएलओ एप का सर्वाधिक और गुणवत्तापूर्ण उपयोग किया होगा, उन्हें अतिरिक्त पुरस्कार धनराशि मिलेगी। इसमें, प्रथम स्थान पाने वाले को 10 हजार रुपये, द्वितीय को आठ हजार रुपये, तृतीय को छह हजार रुपये, जबकि पांच बीएलओ को सांत्वना पुरस्कार के रूप में तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। डीएम को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रोत्साहन राशि
प्रदेश स्तर पर ई-बीएलओ एप के अधिकतम प्रयोग वाले जनपदों के जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रथम स्थान पाने वाले जिले को 25 हजार, द्वितीय को 20 हजार और तृतीय स्थान को 15 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। कार्य तेज और पारदर्शी होगा ई-बीएलओ एप के प्रयोग से मतदाता सूची का कार्य तेज और पारदर्शी होगा। हमारी कोशिश है कि जिले के सभी बीएलओ इस तकनीक का अधिकतम प्रयोग करें ताकि नामावली में किसी भी प्रकार की त्रुटि न रहे। इसके लिए सभी उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों को पत्र का अनुपालन करते हुए कार्य करने को निर्देशित किया है।
– प्रवीण मिश्र, जिला निर्वाचन अधिकारी मऊ