ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस बहुत जल्द असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। दोनों पक्ष द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग के विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर निकट संपर्क में रहने पर सहमत हो गए हैं।
दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में संबंधों की समीक्षा की। इसमें छोटे और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों के क्षेत्र भी शामिल हैं। दोनों ने तीसरे देशों के साथ संयुक्त परियोजनाओं की संभावनाओं का पता लगाया। यह चर्चा असैन्य परमाणु ऊर्जा पर द्विपक्षीय विशेष कार्यबल की बैठक में हुई। इसकी सह-अध्यक्षता विदेश सचिव विक्रम मिस्री और फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय की महासचिव ऐनी-मैरी डेस्कोटेस ने की। दोनों पक्षों ने विभिन्न बैठकों और परामर्शों के जरिये पिछले वर्ष असैन्य परमाणु सहयोग में हुई प्रगति की व्यापक समीक्षा की थी। उन्होंने छोटे और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में भागीदारी के महत्व की पुष्टि की। फरवरी में भारत और फ्रांस ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों पर साथ काम करने की मंशा की घोषणा को अंतिम रूप दिया था।