ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य अधिक सक्षम और आधुनिक होना उसकी प्राथमिकताओं में से एक है। हालांकि, इसका मकसद विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद की भावना है। उन्होंने कहा कि आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है। मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। मोदी ने इस दिन को भारत की समुद्री विरासत, नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए बहुत बड़ा दिन करार देते हुए कहा, यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर (विध्वंसक), एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है। ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।
दुनियाभर में भारत के प्रति भरोसा बढ़ा
मोदी ने कहा, पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना ने हजारों लोगों की जान बचाई है। लाखों के राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय कार्गो को सुरक्षित किया है। इससे दुनियाभर में भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है।
मोदी ने कहा कि समुद्र से सटे देशों के विकास की बात आई तो भारत ने क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास का मंत्र दिया। भारत को जी20 की अध्यक्षता संभालने का दायित्व मिला तो दुनिया को ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का मंत्र दिया।
देश की बढ़ती ताकत
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीन उन्नत युद्धपोतों के जलावतरण के दिन को ऐतिहासिक बताया। कहा कि यह हिंद महासागर क्षेत्र में पूरे देश की बढ़ती ताकत का प्रमाण है।
आईएनएस नीलगिरि
आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है। नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में निर्मित नीलगिरि में उन्नत विशेषताएं हैं
आईएनएस सूरत
परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है। इसके डिजाइन और क्षमता में सुधार किए गए हैं।
आईएनएस वाघशीर
आईएनएस वाधशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है। यह डीजल-विद्युत संचालित पोत है। है। यह समुद्र की गहराई से वार कर दुश्मन को तबाह कर देता है।
भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और दृष्टिकोण दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा, 21वीं सदी का भारत जल हो, थल हो, नभ हो, गहरे समुद्र हों या फिर असीम अंतरिक्ष हो, हर जगह भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा है।
पीएम ने की महायुति विधायकों से मुलाकात
मुंबई, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के विधायकों से दोपहर के भोजन पर मुलाकात की। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक आईएनएस आंग्रे सभागार में हुई। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ-साथ भाजपा, राकांपा, शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों के विधायक मौजूद थे।
सेवा की भावना से प्रेरित है आध्यात्मिक संस्कृति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति सेवा की भावना में गहराई से निहित है। उनकी सरकार एक दशक से अधिक समय से लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रही है।
नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा, उनकी सरकार ने शौचालयों का निर्माण, जैसे कई कल्याणकारी उपाय किए हैं।